मुंबई एग्ज़िबिशन में महिलाओं के स्टार्टअप्स और हैंडमेड प्रोडक्ट्स

Last Updated:October 16, 2025, 17:29 IST
मुंबई की मैक्रमे आर्टिस्ट निभावरी ने एग्ज़िबिशन में अपने हैंडमेड प्रोडक्ट्स का स्टॉल लगाया, जहां मैक्रमे, क्रोशे और थ्रेड आर्ट की अनोखी चीज़ें देखने को मिलीं. खासतौर पर उनके बिना सिलाई के बनाए गए मैक्रमे पर्स, जो मोटे धागे की खूबसूरत गांठों से तैयार किए गए थे, लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे.
मुंबई, जिसे भारत की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, यहाँ की महिलाएं कुछ नया और सबसे अलग काम करके अपना नाम बनाने की चाह रखती हैं. इसका उदाहरण हाल ही में आयोजित एक एग्ज़िबिशन में देखने को मिला, जहां 90% स्टॉल महिलाओं द्वारा लगाए गए थे. इनमें कुछ खास प्रोडक्ट्स के स्टॉल्स भी शामिल थे. पहला स्टॉल शीतल राउत द्वारा लगाया गया था, जो अपने हाथों से खास मौकों और फंक्शन्स के लिए घर सजाने की चीज़ें बनाती हैं. दिवाली और छठ जैसे त्योहारों के लिए उनके पास सजावट की अनगिनत चीज़ें उपलब्ध हैं.

इस एग्ज़िबिशन में मुंबई की रोहिनी डालवी ने ऐसा स्टॉल लगाया था, जहां हर महिला आकर रुक रही थी. उनके पास घंटों का काम मिनटों में करने वाला एक रंगोली मेकर था. वह खुद रंगोली मेजर बनाकर बेचती हैं, जिसकी क़ीमत ₹50 से ₹1000 के बीच होती है.

दो महिला मित्रों ने मिलकर खुशबूदार कैंडल्स का एक स्टॉल लगाया था, जिन्हें वे खुद बनाती हैं. ये कैंडल्स किसी सजावटी वस्तु की तरह दिखते हैं. इन्हें पारंपरिक लंबी और पतली आकृति की बजाय कटोरी के आकार में बनाया गया है. इसके साथ ही मोम से बने गुलाब, सूरजमुखी, गेंदा और कमल के फूलों को सजाकर थालियों में रखा गया है.

मुंबई की रहने वाली निभावरी, जो एक मैक्रमे आर्टिस्ट हैं, उन्होंने भी एग्ज़िबिशन में अपना स्टॉल लगाया. उनके स्टॉल पर केवल हैंडमेड प्रोडक्ट्स ही बनाए और बेचे जाते हैं. उनके प्रोडक्ट्स में मैक्रमे, क्रोशे और थ्रेड आर्ट से बनी चीज़ें शामिल थी. मैक्रमे पर्स, जिसे आप रोज़मर्रा के उपयोग में ला सकते हैं, देखने में बेहद आकर्षक और सुंदर होता है. इस आउटफिट (या उत्पाद) को बनाने में किसी भी प्रकार की सिलाई नहीं की जाती. केवल मोटे धागे पर विभिन्न तरह की गाँठें और डिज़ाइन देकर इसे तैयार किया जाता है.
First Published :
October 16, 2025, 17:26 IST
homemaharashtra
मुंबई एग्ज़िबिशन में महिलाओं के स्टार्टअप्स और हैंडमेड प्रोडक्ट्स



