70 donkeys stolen in Hanumangarh people created ruckus at police station check full details rjsr

हनुमानगढ़. राजस्थान के नहरी इलाके हनुमानगढ़ में गधों की चोरी (Theft of donkeys) का एक अजीब मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि जिले के खुईयां थाना इलाके से पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग बार में 70 गधे चोरी हो गये. लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो पुलिस ने उन पर ध्यान नहीं दिया. उसके बाद उन गधों के मालिकों और माकपा कार्यकर्ताओं ने इसको लेकर मंगलवार को थाने पर धरना दे दिया. इससे पुलिस की सांसें फूल गई और वह गांव-गांव, ढाणी-ढाणी गधों को ढूंढने में जुटी है.
हालांकि पुलिस मंगलवार रात तक 15 गधों को पकड़कर थाने ले आई थी लेकिन धरना दे रहे लोगों का कहना था कि ये गधे उनके नहीं हैं. प्रदर्शनकारी गधा मालिकों का कहना है कि उन्हें तो उनका ही गधा चाहिये. अब परेशान पुलिस गधा मालिकों को मना रही है कि वे ये गधे ले जायें. लेकिन वे अपना-अपना गधा ही लेने पर अड़े हुए हैं. ऐसे में पुलिस गधों की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस समझ नहीं पा रही है कि प्रदर्शनकारियों को कैसे समझाया जाये.
गधों के नाम हैं चिंटू, पिंटू और कालू
दरअसल धरने प्रदर्शन के बाद पुलिस जैसे-तैसे कर 15 गधों को लेकर थाने पहुंची. पुलिस ने गधा मालिकों को अपने-अपने गधे ले जाने को कहा. इस पर गधा मालिकों ने गधों को चिंटू, पिंटू और कालू आदि नामों से पुकारना शुरू कर दिया. लेकिन जब किसी भी गधे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो गधा मालिक बोले कि ये हमारे गधे नहीं हैं. इनको जहां से लेकर आये हो वहीं छोड़ आओ. गधा मालिकों को गधों को नाम से पुकारते देख पुलिस भी हैरान रह गई. बाद में पता चला कि गधा मालिकों ने गधों के नाम भी रख रखे हैं.
आजीविका का साधन है गधा
गधा मालिकों का कहना है कि गधे उनकी आजीविका का साधन हैं. उनका कहना है कि एक गधे की कीमत करीब 20 हजार रुपये है और इस तरह चोरी हुए 70 गधों की कीमत करीब 14 लाख रुपये बनती है. गधा मालिकों का कहना है कि गधा बोझा उठाने का काम करते हैं. गधे चोरी होने के बाद उनकी आजीविका का साधन समाप्त हो गया है. ऐसे में पुलिस जल्द ही उनके गधों को बरामद करके दे. क्योंकि उनके अपने गधे ही उनकी बात को समझते हैं. दूसरे गधों से उनके लिए काम करवाना मुश्किल है.
पुलिस ने बनाई टीमें
इस मामले में खुईयां पुलिस ने टीमें बनाई हैं. वे गांव-गांव गधे ढूंढती फिर रही है. पुलिस का कहना है कि ना तो मुल्जिम मिल रहा है और ना ही असली और वांछित गधे मिल रहे हैं. गधा मालिकों और माकपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस का चेतावनी दे रखी है कि अगर गधे नहीं मिले आंदोलन किया जायेगा. पुलिस का कहना है कि वह सारा काम छोड़कर गधे ढूंढकर लाये भी तो क्या गारंटी है कि गधे मालिक फिर से उनको चिंटू, पिंटू पुकारेंगे और गधे प्रतिक्रिया देंगे ही. ऐसे में खुईयां पुलिस के लिए यह मामला परेशानी का सबब बन गया है. वहीं आमजन इस मामले की चटखारे लेकर चर्चाएं कर रहा है.
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