5 हजार सेवादारों ने बनाया अनूठा रिकॉर्ड, चंद घंटों में भर दी गुरुद्वारे की 10 हजार स्कॉवयर फीट की RCC की छत

Last Updated:May 19, 2025, 13:59 IST
Kota News: कोटा के आगमगढ़ गुरुद्वारे में पांच हजार सेवादारों ने बड़ा रिकॉर्ड बनाया है. यहां करीब आधा राज्यों के सेवादार पहुंचे. उन्होंने गुरुद्वारे में दूसरी मंजिल के लिए चल रहे निर्माण कार्य के दौरान महज सात स…और पढ़ें
गुरुद्वारे में सेवा के लिए छह राज्यों से लोग आए.
हाइलाइट्स
5 हजार सेवादारों ने 10 हजार स्क्वायर फीट की छत भरी.संत बाबा लख्खा सिंह ने श्रमदान कर शुरुआत की.उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब से भी सेवादार आए.
हिमांशु मित्तल.
कोटा. कोचिंग सिटी कोटा के बड़गांव स्थित गुरुद्वारा आगमगढ़ साहिब में सामूहिक श्रमदान और कारसेवा की एक अद्भुत मिसाल सामने आई है. गुरुद्वारे में कई राज्यों से आए 5 हजार से ज्यादा कारसेवकों ने 45 डिग्री से अधिक तापमान के भीषण गर्मी के बीच गुरुद्वारे की निर्माणाधीन दूसरी मंजिल की आरसीसी की विशाल छत को चंद घंटों में डाल दिया. यहां संत बाबा लख्खा सिंह ने श्रमदान कर शुरुआत की. उसके बाद 5000 से ज्यादा महिला पुरुष बुजुर्ग इस सेवा में जुटे.
गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी भगवान सिंह ने बताया कि अगमगढ़ साहिब के दरबार की दूसरी मंजिल के लिए रविवार को छत डाली गई। भीषण गर्मी के बीच चिलचिलाती धूप में देशभर से आए हजारों की तादाद में सेवादारों ने यहां श्रमदान किया. श्रमदान में बड़े बुजुर्ग, महिला और छोटे बच्चे भी शामिल थे. श्रमदान सुबह 8 बजे शुरू हुआ. दोपहर 4 बजे तक चलता रहा. 10 हजार वर्ग फीट की छत को भरने में 7 से 8 घंटे का समय लगा. 7 दिन में पूरी होने वाली आरसीसी छत को चंद घंटों में भर दिया गया.
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और यूके से भी सेवादार आएकोटा सेंट्रल गुरु सिंह सभा के प्रधान तरुमीत सिंह बेदी ने बताया कि गुरुद्वारे की विशाल छत को भरने के लिए किसी भी मजदूर की आवश्यकता नहीं पड़ी. यहां पर सारा काम सेवादार ने किया. संत बाबा लक्खा सिंह ने श्रमदान कर शुरुआत की. उसके बाद लगभग 5000 की तादाद में महिला पुरुष सेवादार इस काम में जुट गए. देखते ही देखते कई दिनों का काम कुछ घंटों में ही पूरा हो गया. इस सेवा के लिए यहां राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और यूके से लोग आए और यहां श्रमदान कर रिकॉर्ड कायम किया.
कई सेवादारों का तो नंबर ही नहीं आयाकई ऐसे सेवादार थे जिनका तो श्रमदान करने में नंबर ही नहीं आया. इससे इन सेवादारों की काम करने की मन में ही रह गई. वे अपनी बारी का इंतजार ही करते रहे. यहां सेवा करने वालों ने बिना किसी हड़बड़ाहट के शांतपूर्वक इस काम को किया. यह सामूहिक श्रमदान का अनूठा उदाहरण है. गुरुद्वारे में हुआ यह अनूठा काम अब सोशल मीडिया में छाया हुआ है. हर कोई इस काम की प्रशंसा कर रहा है.
Sandeep Rathore
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से से जुड़े हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से से जुड़े हैं.
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5 हजार सेवादारों ने बनाया अनूठा रिकॉर्ड, चंद घंटों में कर डाला 7 दिन का काम