Rajasthan

Covid Meeting Cm Ashok Gehlot Political Paties Satish Poonia Oxygen – डोर टू डोर सर्वे, टेस्टिंग के साथ ऑक्सीजन, बेड्स, वेंटिलेटर्स की कालाबाजारी रोके सरकार

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हुए वर्चुअल सर्वदलीय बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने डोर टू डोर सर्वे, टेस्टिंग के साथ ही ऑक्सीजन, बेड्स, वेंटिलेटर्स की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है।

जयपुर।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हुए वर्चुअल सर्वदलीय बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने डोर टू डोर सर्वे, टेस्टिंग के साथ ही ऑक्सीजन, बेड्स, वेंटिलेटर्स की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है।

पूनियां ने कहा कि पहली कोविड लहर में बहुत सामाजिक संस्थाओं, भामाशाहों एवं लोगों ने बड़ी उदारता से भोजन, राशन, पानी इत्यादि की जरूरतमंदों के लिए मदद की थी, लेकिन दूसरी लहर में यह सामाजिक पक्ष धूमिल होता हुआ नजर आ रहा है। इस तरीके की कालाबाजारी दलाली जैसे किस्म के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे लोगों पर फास्ट ट्रैक जैसी व्यवस्था के जरिए कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे अपराधियों में भय और समाज में भरोसा पैदा होगा। पूनियां ने कहा कि मास्क लगाना अनिवार्य रूप से लोगों की दिनचर्या में शामिल होना जरूरी है। पूनियां ने कहा कि मैं आपको यह पूरा भरोसा दिलाता हूं कि सांसद, विधायक कोष के अलावा सामाजिक तौर पर भी भामाशाह और सीएसआर फंड के माध्यम से भी पूरी तरह से मदद को तैयार हैं।

सीएचसी और पीएचसी को मजबूत किया जाए

पूनियां ने कहा कि सीएचसी और पीएचसी भविष्य में मेडिकल हेल्थ के एक्शन प्लान में स्थाई रूप से शामिल हो जाएं, यह स्वास्थ्य इकाइयां जब तक सुधरेंगी नहीं तब तक हम नीचे तक की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ नहीं कर पाएंगे। प्रदेश में कई जगह सीएससी, पीएससी के अच्छे भवन हैं, मगर स्टाफ नहीं है। कई जगहों पर जमीन और भवन नहीं है। राज्य सरकार को इस बारे में गंभीरता से कार्ययोजना बनाने की जरूरत है।

ये भी दिए सुझाव

— 108 एंबुलेंस सेवा की कई मौकों पर अच्छी भूमिका, इसकी व्यापक मॉनिटरिंग की जरूरत
—स्वास्थ्यकर्मी, चिकित्साकर्मी, नर्सेज, कम्पाउंडर, आशा सहयोगिनी का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन की जरूरत
—मेडिकल स्टूडेंट्स, रेजिडेंट्स को ग्रामीण इलाकों में ड्यूटी के दौरान वेटेज दिया जाए
—चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना की मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है
—भीषण गर्मी में पेयजल समस्या के समाधान के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने की जरूरत
—सांसदों-विधायकों को जनसेवा में करना पड़ रहा है प्रशासनिक समस्याओं का सामना
—गांव-ढाणियों तक पंच-सरपंच को जागरुक करने की जरूरत

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