An airport with world class facilities will be built in Kota. Airport Authority has given orders to prepare DPR. – News18 हिंदी

शक्ति सिंह/कोटा राज. एजुकेशन सिटी कोटा जो देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी पहचान जमाए हुए है. देश में हर चौथा डॉक्टर और इंजीनियर कोटा से ही पढ़कर निकलता है. ऐसे में कोटा में वैसे तो सभी सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन एयरपोर्ट की कमी हर किसी को निराश करती है. दूर दराज से आने वाले लोगों को जयपुर तक फ्लाइट से आना पड़ता है और वहां से ट्रेन या बस या टैक्सी के माध्यम से कोटा आते हैं. ऐसे में अब एयरपोर्ट की कमी भी दूर होने वाली है. कोटा के शंभूपुरा इलाके में एयरपोर्ट के लिए ली गई जमीन पर अब तेजी से काम होगा. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण की एक और बाधा दूर हो गई. शंभूपुरा में चिन्हित भूमि से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की शिफ्टिंग के लिए नगर विकास न्यास और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन के बीच एमओयू हो गया.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला चिन्हित भूमि का निरीक्षण कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन और कोटा व बूंदी के जिला प्रशासन के अधिकारियों से फीडबैक लिया. निरीक्षण के दौरान स्पीकर बिरला ने अधिकारियों से एयरपोर्ट की भूमि की स्थिति की जानकारी ली. इसके साथ ही जिला प्रशासन, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन द्वारा अब तक किए गए कार्य के बारे में पूछा. उन्होंने कहा कि तीनों एजेंसियां अपने-अपने कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की कार्य योजना बनाएं.
क्षेत्र की प्रगति में खुलेंगे नए द्वार
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण हमारी प्राथमिकताओं में है. यह काम कोटा-बूंदी सहित सम्पूर्ण हाड़ौती के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चिन्हित भूमि के हस्तांतरित होने से पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ने डीपीआर बनाने के निर्देश जारी कर दिए. हम हाड़ौती को विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला ऐसा एयरपोर्ट देना चाहते हैं जो क्षेत्र की प्रगति की संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा.
हाईटेंशन लाइन के 34 टावर होंगे शिफ्ट
एयरपोर्ट अथॉरिटी की मांग के अनुरूप चिन्हित भूमि की सीमा से चारों दिशाओं में विद्युत लाइनों को डेढ़ किमी या उससे दूरी पर शिफ्ट किया जाएगा. ऐसे में हाईटेंशन लाइन हटाने के लिए पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन 11 किलोमीटर क्षेत्र में फैले कुल 34 टावर्स को शिफ्ट करेगा. इनके जरिए राजस्थान परमाणु बिजली घर से जयपुर साउथ और कोटा से मेड़ता-ब्यावर को 400 केवी की दो ट्रांसमिशन लाइन्स के जरिए विद्युत आपूर्ति की जा रही है. इनके स्थान पर 46 नए टॉवर स्थापित किए जाएंगे, जिन पर 15.064 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएंगी.
डीपीआर भी हो रहा तैयार
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि डीपीआर तैयार करने का काम तेजी से किया जा रहा है. अथॉरिटी की कोशिश है कि लाइन शिफ्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने तक डीपीआर तैयार करने के साथ अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया जाए. जैसे ही पावर ग्रिड की ओर से सहमति मिले, अथॉरिटी तत्काल निर्माण कार्य प्रारंभ कर दे.
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FIRST PUBLISHED : March 14, 2024, 15:48 IST