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Kavi Sammelan | Kavi Sammelan- क्यूं ? यह काफी नहीं मैं औरत हूं…

परिचय की मोहताज नहीं हूं, क्यूं? यह काफी नहीं मैं औरत हूं…कविता से अजमेर की शीलू तन्हा ने महिलाओं की सामाजिक स्थिति को प्रस्तुत किया। राजस्थानी के वरिष्ठ कवि चंद्रप्रकाश देवल की अध्यक्षता में हुए सर्वभाषा कवि सम्मेलन में कवियों ने महिला स्वतंत्रता और उनकी मौजूदा स्थिति पर काव्य पाठ किया।

जयपुर

Updated: March 07, 2022 07:27:41 pm

संस्कृत विवि में हुआ कवि सम्मेलन
जयपुर। परिचय की मोहताज नहीं हूं, क्यूं? यह काफी नहीं मैं औरत हूं…कविता से अजमेर की शीलू तन्हा ने महिलाओं की सामाजिक स्थिति को प्रस्तुत किया। राजस्थानी के वरिष्ठ कवि चंद्रप्रकाश देवल की अध्यक्षता में हुए सर्वभाषा कवि सम्मेलन में कवियों ने महिला स्वतंत्रता और उनकी मौजूदा स्थिति पर काव्य पाठ किया। आजादी के अमृत महोत्सव व महिला दिवस के उपलक्ष्य पर जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में सर्वभाषा कवि सम्मेलन सोमवार को हुआ। आकाशवाणी के उप महानिदेशक मयंक कुमार और कार्यक्रम प्रमुख रामकरण मीणा ने भाषाओं को मजबूत बनाए रखने के लिए कवि सम्मेलनों की आवश्यकता बताई। मीणा ने कहा कि आज के दौर में भाषा को सहजे रखने के लिए सभी को मिलकर प्रयत्न करने की जरूरत है। अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. अनुला मौर्य ने कहा कि बाजारीकरण के इस दौर में कवि सम्मेलन प्रासंगिक हैं और लोगों के लिए आकर्षण के केन्द्र बने हुए हैं, जिनसे मनोरंजन के साथ ही ज्ञानार्जन भी होता है। कविताएं भारतीय संस्कृति और चेतना की एक अभिन्न अंग हैं। कुलसचिव रंजीता गौतम ने बताया कि सम्मेलन में राजस्थानी के चंद्रप्रकाश देवल, संस्कृत के प्रो. रामकुमार शर्मा, हिंदी के किशोर कुमार पारीक और अंशु हर्ष, सिंधी की शीलू तन्हा एवं उर्दू की मल्का नसीम ने काव्य पाठ किया। सम्मेलन का प्रचालन किशोर पारीक ने किया।

Kavi Sammelan-  क्यूं ? यह काफी नहीं मैं औरत हूं...

Kavi Sammelan- क्यूं ? यह काफी नहीं मैं औरत हूं…

शोध प्रविधि कार्यशाला आज से
राजस्थान विवि के समाज विज्ञान केंद्र में शोध प्रविधि कार्यशाला कल से
14 मार्च को होगा समापन
समाज विज्ञान के विभिन्न आयामों पर होगी चर्चा
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान शोध केन्द्र में Óशोध प्रविधिÓ कार्यशाला मंगलवार से शुरू होगी। समाज विज्ञान शोध केन्द्र के निदेशक डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि कार्यशाला में समाज विज्ञान के विभिन्न आयामों पर विस्तृत चर्चा के साथ उसकी उपयोगिता, समाज विज्ञान के शोध संबंधी तकनीकी और व्यावहारिक पक्ष पर विशेष व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे। कार्यशाला में विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के शिक्षकों, शोधार्थी और शोध में विशेष रुचि रखने वाले विद्यार्थियों की सहभागिता होगी। कार्यशाला में शोधार्थियों की कठिनाईयों को देखते हुए शोध का विषय चयन, शोध प्रारूप निर्माण, तथ्य संकलन तथ्यों का विश्लेषण, शोध लेखन और शोध प्रस्ताव निर्माण एवं शोध लेखन पर विशेष व्याख्यान होंगे।

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