Mental diseases are reason for committing suicides stress depression are big mental health issues in youth and elderly

हाइलाइट्स
NCRB के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में 2020 के मुकाबले सुसाइड्स 7.2 फीसदी बढ़ी हैं.
आत्महत्याओं के पीछे मेंटल हेल्थ इश्यूज जैसे स्ट्रेस, डिप्रेशन, चिंता आदि देखी जा रही हैं.
Mental Health and Suicides: मेंटल हेल्थ आजकल एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. सबसे बड़ी बात है कि मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्ति को पता भी नहीं चलता कि वह स्ट्रेस या डिप्रेशन की गिरफ्त में आ चुका है और धीरे-धीरे ये परेशानी उसे सुसाइड (Suicide) जैसे आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर कर देती है. ये जानकारी मानसिक रोगों (Mental Diseases) से जूझ रहे लोगों ने खुद शेयर की है. देशभर में मेंटल हेल्थ से जूझ रहे लोगों के लिए चलाई जा रही राष्ट्रीय हेल्पलाइन (National Helpline) पर एक तिहाई कॉलर्स ने बताया है कि वे चिंता, अवसाद (Depression) और आत्मघाती विचारों से जूझ रहे हैं. इसके साथ ही एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़े भी बताते हैं कि 2020 के मुकाबले 2021 में आत्महत्याओं का प्रतिशत 7.2 फीसदी बढ़ा है.
देशभर में निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य परामर्श प्रदाता, साइरस एंड प्रिया वंद्रेवाला फाउंडेशन का कहना है कि पिछले तीन महीनों (नवंबर 2022 से जनवरी 2023) में मेंटल हेल्थ से जूझ रहे कॉलर्स से की गई इस तरह की बातचीत लगभग 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है. वहीं पिछले 18 महीनों (अगस्त 2021 से जनवरी 2023) में उनसे संपर्क करने और सलाह लेने वाले लोगों में कम से कम एक तिहाई लोगों ने बताया कि वे चिंता, अवसाद और आत्महत्या के विचारों से जूझ रहे हैं और इस संकट से निपटने के लिए उन्होंने पहले से ही मनोवैज्ञानिक हेल्प मांगी है.
इस बारे में प्रिया हीरानंदानी वंद्रेवाला ने बताया, ‘कितना अजीब है कि 2022 में भारत में हत्याओं और कोरोना वायरस से ज्यादा जानें आत्महत्या ने लीं. भले ही आज देश का हर मेडिकल छात्र मनोचिकित्सक बन गया हो लेकिन हमारे पास मानसिक स्वास्थ्य संकट को हल करने के लिए पर्याप्त लोग नहीं हैं.’
आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)
साल 2021 में बढ़ गईं आत्महत्याएं
अक्टूबर, 2022 में निम्हान्स के एक अध्ययन में बताया गया है कि 150 मिलियन भारतीयों को मेंटल हेल्थ केयर सर्विसेज की जरूरत हो सकती है. भारत में आत्महत्या से होने वाली मौतों पर 2022 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े भी कहते हैं कि 2021 में देश में 1,64,033 आत्महत्याएं दर्ज हुईं. यह संख्या 2020 की तुलना में 7.2 प्रतिशत अधिक थी.
सबसे ज्यादा सुसाइड्स इस राज्य में
2021 में भारत में प्रति लाख आबादी पर 12 आत्महत्याएं दर्ज की गईं. सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, उसके बाद तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में भारत की आत्महत्या की सबसे अधिक घटनाएं दर्ज की गईं, जो इस बात का संकेत है कि इन राज्यों के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संकट चिंता का एक बड़ा कारण है और इसके लिए कई बातें जिम्मेदार हो सकती हैं.
मेंटल काउंसलिंग कराने वालों में दिल्ली से आगे उत्तर प्रदेश
फाउंडेशन के आंकड़ों से पता चलता है कि मेंटल हेल्थ समस्याओं को लेकर परामर्श लेने वाले 81 फीसदी लोगों में महाराष्ट्र 17.3%, उत्तर प्रदेश 9.5%, कर्नाटक 8.3%, दिल्ली 8%, तमंडू 6.2%, गुजरात 5.8%, पश्चिम बंगाल 5.4%, केरल 5,3%, तेलंगाना 4%, मध्य प्रदेश 3.8%, राजस्थान 3.6% और हरियाणा 3.6% शामिल हैं.
बता दें कि वंद्रेवाला फाउंडेशन की हेल्पलाइन भारत में टेलीफोन और व्हाट्सएप के जरिए 24 घंटे आपातकालीन मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराती है. यह सेवा अंग्रेजी और 11 स्थानीय भाषाओं में निःशुल्क उपलब्ध है. अवसाद, सदमा, मनोदशा विकार, पुरानी बीमारी व कई अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के चलते परेशानी झेल रहे किसी भी व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक परामर्श और संकटकालीन मध्यस्थता सेवा प्रदान की जाती है, जिसे कोई भी व्यक्ति ले सकता है.
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Tags: Depression, Lifestyle, Mental health, Suicide, Trending news
FIRST PUBLISHED : March 04, 2023, 12:48 IST