Constable attempted to rape woman in Udaipur Daya police post Rajasthan Police dirty act rjsr

उदयपुर. राजस्थान पुलिस की एक और शर्मनाक हरकत सामने आई है. उदयपुर के आदिवासी बाहुल्य पानरवा थाना (Panarwa Thana) इलाके की डैया चौकी में पुलिस कांस्टेबल (Police Constable) ने महिला के साथ रेप का प्रयास (Attempt to Rape ) किया. पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि एएसआई और कांस्टेबल उसे और उसके माता-पिता को निजी गाड़ी में लेकर गुजरात गए और उन्हें वहां घुमाते रहे. उसके बाद रात को डैया पुलिस चौकी में माता-पिता को अलग कमरे में सुलाकर पुलिस चौकी के दूसरे कमरे में उसके साथ रेप का प्रयास किया. इससे पहले पुलिसकर्मी ने पीड़िता से चौकी में खाना बनवाया. झूठे बर्तन भी साफ करवाए.
इस पूरे मामले की जानकारी 3 दिन बात सामने आई. उसके बाद ग्रामीण और जनप्रतिनिधि आक्रोशित हो गए और थाने पर विरोध दर्ज कराया. मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी मनोज चौधरी में पानरवा थाने के एसएचओ नाथूसिंह और एएसआई राजकुमार को लापरवाही के मामले में लाइन हाजिर कर दिया है. वहीं दुष्कर्म का प्रयास करने वाले आरोपी कांस्टेबल जितेन्द्र को सस्पेंड कर दिया है.
महिला पुलिसकर्मी नहीं होने के बावजूद महिला को चौकी में रखा
बताया जा रहा है के 5 साल पहले गुमशुदा हुई एक युवती की तलाश के लिए पुलिस पीड़िता और उसके माता-पिता को गुजरात लेकर गई थी. उसके बाद वे देर रात डैया चौकी पहुंचे. चौकी में महिला पुलिसकर्मी नहीं थी फिर भी पीड़िता को वहां रखा गया. उसके बाद कांस्टेबल जितेन्द्र कुमार ने पीड़िता को खुद के कमरे में रख लिया और उसके माता-पिता को अन्य कमरे में सोने के लिए भेज दिया. रात को जितेन्द्र ने पीड़िता के कपड़े फाड़ दिये और उससे रेप का प्रयास किया.
कांस्टेबल ने पीड़िता और उसके माता-पिता को दी धमकी
पीड़िता ने जब शोर मचाया तो उसके माता-पिता जितेन्द्र के कमरे में पहुंचे. उसके बाद जितेन्द्र ने पीड़िता और उसके माता पिता को अपने कमरे से बाहर निकाल दिया. जितेन्द्र ने धमकी भी दी कि यदि यह बात किसी को भी बताई तो वह उन्हें जिंदगीभर के लिए जेल में बंद करवा देगा. 3 दिन बाद जब यह घटना ग्रामीणों को पता चल गई तब एएसआई राजकुमार और कांस्टेबल जितेन्द्र पीड़िता और उसके माता-पिता को मारपीट करने के बाद रास्ते में छोड़कर फरार हो गए.
डीएसपी चेतना भाटी को सौंपी गई है जांच
उसके बाद विधायक सहित कई लोग थाने पर विरोध दर्ज कराने पहुंचे. पीड़ित पक्ष ने थानाधिकारी सहित एएसआई और कांस्टेबल के खिलाफ रिपोर्ट पेश की है. एसपी के निर्देश पर मामला दर्ज कर दिया गया है. पीड़ित पक्ष ने उदयपुर आकर एसपी मनोज चौधरी से मुलाकात की है. एसपी ने मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच करने और आरोपी को सजा दिलाने का आश्वासन दिया है. पीड़ित पक्ष की मंशा के अनुरूप जांच अधिकारी बदलकर डीएसपी चेतना भाटी को जांच सौंप दी गई है.
एसएचओ ने जानकारी देने से किया इनकार
इस पूरे मामले में एसएचओ नाथू सिंह किसी तरह की जानकारी होने की बात स्वीकार नहीं कर रहे हैं. लेकिन निष्पक्ष जांच हो सके इसलिए एसपी मनोज चौधरी ने एसएचओ नाथू सिंह को भी लाइन हाजिर कर दिया है. इस पूरे प्रकरण में पुलिस शुरू से ही नियमों के विरुद्ध कार्य करती रही. पहले तो बिना वारंट के पीड़िता और उसके माता-पिता को घर से उठा लिया गया. उसके बाद बिना अनुमति उन्हें दूसरे राज्य में दिनभर घुमाते रहे. यही नहीं महिला पुलिसकर्मी की गैरमौजूदगी होने पर भी पीड़िता को चौकी में रखा गया.
यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 4 महीने पहले जेर गांव के रहने वाले राम सिंह ने पानरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 5 साल पहले उसकी बहन भावना कुमारी उसके जीजा कमजी के साथ गुजरात गई. उसके जीजा से जब बहन के बारे में पूछा जा रहा है तो वह किसी भी तरह की जानकारी होने से इंकार कर रहा है. इसी मामले में पुलिस ने पीड़िता और उसके माता पिता को उठाया था.
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