7 साल की उम्र में उठा पिता का साया, सरकारी स्कूल से पढ़ाई, NIT से किया बीटेक, अब सेना में बनें अधिकारी

Last Updated:March 07, 2025, 15:15 IST
Indian Army Story: पूरी लगन के साथ किसी अगर किसी भी काम को किया जाए, तो उसे पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता है. एक ऐसे ही कहानी एक शख्स की है, जो अपनी मेहनत के बल पर सेना में ऑफिसर बने हैं.
Indian Army Story: NIT से बीटेक करने के बाद सेना में बना आर्मी ऑफिसर
Indian Army Story: अगर कुछ करने की चाहत और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहे हैं, तो उस काम को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. कुछ ही ऐसी ही कहानी एक शख्स की है, जिनके सर से पिता का साया बचपन में उठ गया था. इसके बावजूद भी अपनी मेहनत के दम पर NIT तक का सफर पूरा किया. अब वह सेना में ऑफिसर बन गए हैं. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम गमजुम लाये (Gamjum Laye) है.
बचपन में ही उठ गया था पिता का सायागमजुम लाये अरुणाचल प्रदेश की गैलो जनजाति से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म और पालन-पोषण लेपराडा जिले के बसर के सिरू गांव में हुआ. कठिनाइयों से भरे जीवन में उन्होंने अपने सपनों को साकार करने का साहस दिखाया. सात साल की उम्र में अपने तगम लाये को खोने के बाद उनका परिवार कई संघर्षों से गुजरा, लेकिन उनकी मां श्रीमती इंदिरा लाये ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद उनके और उनकी दो बहनों की शिक्षा सुनिश्चित की.
NIT से किया बीटेकगमजुम लाये की भारतीय सेना के प्रति रुचि सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बसर में पढ़ाई के दौरान शुरू हुई, जब उन्होंने जूनियर डिवीजन एनसीसी में शामिल होकर मिलिट्री लाइफ की मूलभूत सीखीं. राष्ट्र की सेवा करने का उनका जुनून यहीं तक नहीं रूका, बल्कि उन्होंने वर्ष 2020 में जेईई मेंस परीक्षा को भी पास करने में सफल रहे. इसके बाद उन्होंन एनआईटी अरुणाचल प्रदेश में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की.
सेना में बनें ऑफिसरएनआईटी में पढ़ाई के दौरान, उन्होंने एनसीसी जोटे की सीनियर डिवीजन में अपनी भागीदारी जारी रखी और वर्ष 2024 में ‘सी’ सर्टिफिकेट प्राप्त किया. दिसंबर 2024 में उन्होंने प्रयागराज में एनसीसी स्पेशल एंट्री – 57 के तहत सेवा चयन बोर्ड (SSB) इंटरव्यू में शामिल हुए. कठिन चयन प्रक्रिया के दौरान उनके लीडरशिप स्किल, डिसीजन मेकिंग एबिलिटी और पर्सनालिटी असेसमेंट किया गया, जिसमें उन्होंने अखिल भारतीय मेरिट लिस्ट में 50वीं रैंक प्राप्त कर शानदार परफॉर्म किया.
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोतगमजुम लाये की उपलब्धि उन कैडेटों के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है, जो सेना में करियर बनाने का सपना देखते हैं. उनकी सफलता इस बात को दर्शाती है कि लगन, अनुशासन और मेहनत से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें…CBSE 10वीं, 12वीं में 97% मार्क्स, पिता के सपनों से हुईं इंस्पायर, अब सीए इंटरमीडिएट में किया टॉपPNB में 1 लाख सैलरी वाली नौकरी पाने का मौका, निकली है बंपर वैकेंसी, बस चाहिए होगी ये योग्यता
First Published :
March 07, 2025, 15:15 IST
homecareer
7 साल की उम्र में उठा पिता का साया,सरकारी स्कूल से पढ़ाई,सेना में बनें अधिकारी