Himachal Assembly Polls: क्या कांगड़ा के सियासी किले को भेद पाएंगे कांग्रेस के 7 नए सेनापति?

धर्मशाला. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हुई हैं. सूबे के सबसे बड़े सियासी जिले कांगड़ा में सियासी तपिश बढ़ने लगी है. आलम यह है कि चुनाव से छह महीने पहले ही जेपी नड्डा, अरविंद केजरीवाल जैसे बड़े नाम जिले में चुनावी रैली कर चुके हैं. कांग्रेस ने भी अब फोकस शुरू किया है. अपनी नई टीम बनाई है और कांगड़ा के नेताओं को भी तवज्जों दी है.
कांग्रेस ने एक बार फिर से बड़ी रणनीति के तहत प्रदेश में अपने तमाम रूठे और बड़े नेताओं को एक ही लाइन में खड़ा करने के लिये नया फॉर्मूला इजाद किया है. पार्टी आला हाईकमान की ओर से फेरबदल में सूबे के सबसे बड़े जिला कांगड़ा पर फोकस किया गया है. जनपद कांगड़ा के 7 बड़े नेताओं को महत्वपूर्ण औहदे दिए गए हैं. हाईकमान ने जो फैसला लिया है, उसमें कांगड़ा को विशेष ध्यान में रखा गया है, क्योंकि इसके पास 15 विधानसभा सीटें हैं, जो जीत और हार तय करती हैं.
किसको कहां मिली जगह
कांगड़ा में ओबीसी वोट बैंक की बहुलता है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने इस बैंक को साधने के लिये कांगड़ा में पवन काजल के तौर पर नया कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. साथ ही चौधरी चन्द्र कुमार को स्टीयरिंग कमेटी में शामिल कर लिया गया है, जो कि ओबीसी के बड़े चेहरे के तौर पर देखे जाते हैं. पार्टी की पूर्व महिला प्रदेशाध्यक्ष विपल्व ठाकुर को स्टीयरिंग और अनुशासन समिति में अहम जिम्मेदारी देकर नारी शक्ति को साधने की कोशिश हुई है तो पालमपुर से युवा आशीष बुटेल को अपनी चुनाव समिति में लेकर राजपूत समुदाय को भी साधने में कोई कोर कसर नहीं रखी गई है.
बाली के बेटे को भी मिली भूमिका
दिवंगत नेता जीएस बाली के पुत्र रघुवीर बाली को इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी में मुख्य किरदार देकर कांगड़ा और नगरोटा बगवां दो विधानसभा सीटों पर असर डालने की कोशिश की गई. पब्लिसिटी एंड पब्लिकेशन कमेटी में सुधीर शर्मा और पार्टी के कोषाध्यक्ष पद पर डॉ. राजेश शर्मा की तैनाती से ब्राह्मण समुदाय को साधने की कोशिश की गई है. नई तैनातियों से अब कांगड़ा जिले में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में सियासी संजीवनी का संचार होता हुआ साफ ज़ाहिर हो रहा है.
कांगड़ा में सबसे ज्यादा सीटें
हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा क्षेत्र हैं. यहां पर कांगड़ा में 15 विधानसभा इलाके आते हैं. मंडी में 10 सीटें हैं. कांगड़ा में जो पार्टी सबसे अधिक सीटें जीतती हैं, वो विधानसभा में परचम लहराती है. बीते चुनाव में भाजपा ने यहां से बहुमत के साथ अधिक सीटें जीतीं थी और सरकार बनाई थी. इसके बाद मंडी में 10 सीटों पर भाजपा को 9 में जीत मिली थी. ऐसे में कांगड़ा पर हर सियासी दल का फोकस रहता है.
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