Rajasthan

70 सालों से अस्पताल के कबाड़ में फेंकी थी बेशकीमती चीज, देखते ही चीख पड़ा डॉक्टर, तुरंत निकाला बाहर

कई बार लोगों की किस्मत पल भर में बदल जाती है. कई बार ऐसी अजीबोग़रीब जगहों पर लोगों को ऐसी चीजें मिल जाती है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. इससे ना सिर्फ इंसान की किस्मत पलभर में बदल जाती है, बल्कि घटना चर्चा में आ जाती है. हाल ही में ऐसी ही एक घटना बीकानेर केर पीबीएम अस्पताल से सामने आई, जहां डेंटल विभाग के एक डॉक्टर को वहां के कबाड़ में ऐसी चीज मिली, जिसे देखकर वो खुद दंग रह गए.

पीबीएम अस्पताल के डेंटल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रंजन माथुर ने कुछ दिनों पहले स्टोर में एक डेंटल चेयर देखी. इसे देखते ही वो समझ गए कि ये कोई ऐसी वैसी कबाड़ चेयर नहीं है. ये चेयर देश के आजाद होने से पहले डेंटिस्ट्स द्वारा इस्तेमाल की जाती थी. डॉ रंजन ने तुरंत उसे बाहर निकलवाया. इसके बाद खुद के पैसों से उसकी मरम्मत करवाई. अब ये डेंटल चेयर इस्तेमाल की जा सकती है. सत्तर साल तक कबाड़ में पड़े इस बेशकीमती चेयर के कई यूनिक फीचर्स हैं.

विदेश से आई थी चेयरअस्पताल के रिकार्ड्स के मुताबिक़, इस चेयर को 1955 में खरीदा गया था. इसे विदेश से मंगवाया गया था. लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे डेंटल विभाग के उपकरण अपडेट होने लगे, वैसे ही इस चेयर को भी रिप्लेस कर दिया गया. इसके बाद इस ओल्ड चेयर को अस्पताल के कबाड़ में फेंक दिया गया. लेकिन कबाड़ को कंडम घोषित करने से पहले विभागाध्यक्ष की नजर इसपर पड़ गई और इस बेशकीमती खजाने को बचा लिया गया.

है इतनी खासडेंटल विभाग में आज की डेट में जो चेयर इस्तेमाल की जाती है, वो बिजली ना होने पर काम नहीं करती. इलेक्ट्रीसिटी के जाने पर डेंटल विभाग के इलेक्ट्रॉनिक ऑपरेटिव चेयर काम नहीं करते. लेकिन 1955 की ये चेयर हाइड्रो पंप से काम करती है. मैन्युअल होने की वजह से ये बिजली पर निर्भर नहीं करती. डॉ रंजन ने अपनी जेब से आठ हजार रुपये लगाकर चेयर बनवाई और अब एक बार फिर से इसे विभाग में इस्तेमाल किया जा सकता है.

Tags: Ajab Gajab, Shocking news, Viral news, Weird news

FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 15:49 IST

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