Indian Defence Projects: रक्षा मंत्रालय ने सेनाओं के लिए 79,000 करोड़ के हथियार प्रोजेक्ट्स मंजूर किए

Last Updated:October 23, 2025, 16:56 IST
indian army News: रक्षा मंत्रालय ने 79,000 करोड़ के प्रोजेक्ट्स मंजूर किए, जिसमें नाग मिसाइल, GBMES, एडवांस टारपीडो, सुपर रैपिड गन और लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक्स शामिल हैं.
भारत सरकार ने बड़ी डिफेंस डील पर मुहर लगाई है.
भारतीय सेनाओं को और घातक बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 79,000 करोड़ के प्रोजेक्ट्स पर मुहर लगा दी है. ये पैसा नई-नई टेक्नोलॉजी और हथियारों में लगेगा, ताकि हमारे जवान और मजबूत हो सकें. इससे नाग मिसाइलें खरीदी जाएंगी ताकि दुश्मन के टैंक और बंकर तबाह किए जा सकें. लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक्स बनाए जाएंगे ताकि समुद्र से जमीन पर ऑपरेशन आसान हो सके. एडवांस लाइटवेट टारपीडो की खरीद होगी, ताकि समंदर में पनडुब्बियों को ध्वस्त किया जा सके. सुपर रैपिड गन खरीदी जाएगी ताकि एयरफोर्स हवा में कमाल दिखा सके.
सबसे पहले बात करते हैं भारतीय सेना की. सेना को तीन बड़ी चीजें मिलने वाली हैं. पहला है नाग मिसाइल सिस्टम (Tracked) Mk-II, जो ट्रैक्ड व्हीकल्स पर चलेगा. ये मिसाइल दुश्मन के टैंक, बंकर और दूसरी मजबूत दीवारों को नेस्तनाबूद करने में माहिर है. दूसरा है ग्राउंड बेस्ड मोबाइल ELINT System (GBMES), जो 24 घंटे दुश्मन की हरकतों पर नजर रखेगा. ये सिस्टम दुश्मन के रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को पकड़कर हमारी सिक्योरिटी को मजबूत करेगा. तीसरा है हाई क्वालिटी मोबिलिटी वेहिकल, जो मैटेरियल हैंडलिंग क्रेन के साथ होगा. ये गाड़ियां हर तरह के जंगली इलाकों में सामान पहुंचाने और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में काम आएंगी. इससे सेना को हर मौसम और जगह पर फायदा होगा.नेवी को क्या मिलेगा?
नेवी के लिए भी सरकार ने कई प्रोजेक्ट्स मंजूर किए हैं. लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक्स (LPDs) बनेगा, जो नेवी को समुद्र में बड़े ऑपरेशंस करने में मदद करेगा. ये शिप्स सेना को किनारे पर उतारने और एम्फीबियस ऑपरेशंस यानी समुद्र से जमीन पर करने में आसानी देंगे. साथ ही, ये नेवी को शांति मिशन, राहत कार्य और डिजास्टर मैनेजमेंट में भी सपोर्ट करेंगे.
इसके अलावा, 30mm नेवल सर्फेस गन( Naval Surface Gun) और एडवांस लाइटवेट टारपीडो (Advanced Lightweight Torpedoes) भी मिलेंगे. इसे नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजी लैब (DRDO) ने बनाया है, जो न्यूक्लियर और छोटी पनडुब्बियों को निशाना बना सकता है.
इसके साथ ही इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम और 76mm सुपर रैपिड गन माउंट के लिए स्मार्ट फायर कंट्रोल मशीन भी आएगी. इससे नेवी की फायरिंग पावर और सटीकता बढ़ जाएगी. कोस्ट गार्ड को भी 30mm NSG से फायदा होगा, जिससे समुद्र में पाइरेसी और दूसरी गतिविधियों पर काबू पाना आसान होगा.
एयरफोस के लिए क्या क्या?
सरकार ने एयरफोर्स के लिए कोलैबरेटिव लांग रेंज टारगेट सेचुरेशन और डिस्ट्रक्शन सिस्टम (CLRTS/DS) को मंजूरी दी है. ये सिस्टम बिना पायलट के प्लेन को टेकऑफ, लैंडिंग, नेविगेशन, टारगेट डिटेक्शन और अटैक करने की ताकत देगा. यानी ये ऑटोनॉमस तरीके से दुश्मन पर वार करेगा. इससे एयरफोर्स की स्ट्राइक पावर और बढ़ जाएगी.
क्या होगा फायदा?
इस पूरे प्लान से तीनों सेनाओं की ताकत में इजाफा होगा. सेना को दुश्मन से लड़ने में आसानी होगी, नौसेना समुद्र में अपनी पकड़ मजबूत करेगी, और वायु सेना हवा में दुश्मन को चकमा दे सकेगी. साथ ही, ये सिस्टम्स 24/7 काम करेंगे, जिससे हमारी सुरक्षा हमेशा बनी रहेगी। राहत और बचाव कार्यों में भी ये मददगार साबित होंगे. अब ये प्रोजेक्ट्स को फाइनल करने और बनाने का काम शुरू होगा. सरकार और सेनाएं मिलकर इस पर तेजी से काम करेंगी ताकि जल्द से जल्द ये हथियार और सिस्टम्स हमारे जवानों के हाथ में हों.
Gyanendra Mishra
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi..com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें
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Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
October 23, 2025, 16:45 IST
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