यहां होली के दिन ‘गायब’ हो जाते हैं मर्द, दस बजते ही सूना हो जाता है गांव, अकेली रंग खेलती हैं महिलाएं!

Last Updated:March 11, 2025, 11:50 IST
टोंक में एक ऐसा गांव है, जहां आपको होली के दिन एक भी मर्द नजर नहीं आएगा. गांव के सारे मर्द होली के दिन सुबह दस बजते ही गायब हो जाते हैं!
होली के अगले दिन मर्दों को होती है रंग खेलने की इजाजत (इमेज- फाइल फोटो)
भारत में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. होली यानी रंगों का त्योहार. पूरे देश में होली का खुमार अब चढ़ गया है. बाजार रंगों से सज चुके हैं और सभी खरीददारी में जुट गए हैं. भारत में अलग-अलग इलाकों में होली को लेकर अलग तैयारियां की जाती है. हर इलाके में होली मनाने का अपना अलग तरीका होता है. राजस्थान के टोंक में एक ऐसा गांव है, जहां होली के दिन मर्दों का रंग छूना वर्जित होता है.
होली का हुड़दंग मर्दों को ही करते हुए ज्यादा देखा जाता है. सड़कों पर रंग से रंगे मर्द खूब मस्ती करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि टोंक में एक ऐसा गांव है, जहां मर्द होली के दिन रंग को हाथ भी नहीं लगाते. इतना ही नहीं, होली के दिन उन्हें रंग खेलती महिला को देखना भी वर्जित है. ऐसे में सुबह के दस बजते ही पूरे गांव के मर्द गांव से बाहर चले जाते हैं. इसके बाद ही महिलाएं अकेले रंग खेलती हैं.
मंदिर में हो जाते हैं बंदहम बात कर रहे हैं टोंक के नगर गांव की. यहां आपको सिर्फ महिलाएं ही होली खेलती नजर आएंगी. होली के दिन गांव के मर्दों को रंग छूने की भी मनाही होती है. इसके साथ ही रंग खेलती औरतों को भी मर्द नहीं देख सकते. इस कारण जैसे ही सुबह के दस बजते हैं, गांव के सारे मर्द गांव के बाहर बने चामुंडा माता मंदिर में चले जाते हैं. इसके बाद वहां लगे मेले में व्यस्त हो जाते हैं. मर्दों के जाते ही महिलाएं घरों से बाहर आकर रंग खेलती हैं.
खुलकर मस्ती करती हैं महिलाएंहोली में मर्दों के ना रहने से गांव की महिलाएं जमकर रंग खेल पाती हैं. वो बिना घूंघट के ही रंग खेती हैं. राजस्थान के इस गांव की महिलाएं मर्दों से सिर ढंककर ही मिलती हैं. लेकिन होली के दिन उन्हें मौज-मस्ती में कोई परेशानी ना हो, इसके लिए ही मर्द गांव से बाहर चले जाते हैं. ये रिवाज गांव में बीते पांच सौ साल से चली आ रही है. अगर कोई मर्द इस रिवाज को तोड़ने की कोशिश करता है तो महिलाएं उसकी पिटाई कर उसे गांव से बाहर निकाल देती है. वहीं होली के दिन मर्द मंदिर में भजन सुनते हैं और अगले दिन होली खेलते हैं.
First Published :
March 11, 2025, 11:50 IST
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यहां होली के दिन ‘गायब’ हो जाते हैं मर्द, अकेली रंग खेलती हैं महिलाएं!



