पाली की गर्मी ने बिगाड़ा रसोई का स्वाद! टमाटर-भिंडी ने बढ़ाया महिलाओं का टेंशन, दाम छू रहे आसमान

Last Updated:April 18, 2025, 11:37 IST
पाली में बढ़ती गर्मी से सब्जियों की पैदावार घट रही है और मंडियों में 3 टन तक सब्जियां रोजाना खराब हो रही हैं, जिससे दाम बढ़ गए हैं और रसोई का बजट बिगड़ गया है.
पाली सब्जी मंडी
हेमंत लालवानी/पाली- पाली शहर में पड़ रही भीषण गर्मी से आमजन तो त्रस्त है ही, अब इसका असर शहर की सब्ज़ियों पर भी साफ दिखाई दे रहा है. मस्ताना बाबा रोड के पास स्थित प्रमुख सब्जी मंडी में हर दिन लगभग 20 टन सब्ज़ियां आती हैं, जिनमें से करीब 3 टन सब्ज़ियां गर्मी के चलते खराब हो रही हैं. इससे व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
कीमतों में जबरदस्त उछाललगातार बढ़ती गर्मी के कारण सब्जियों की पैदावार में कमी आ रही है, जिससे बाजार में सब्जियों के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं. टमाटर, पालक, भिंडी जैसी आम सब्जियां अब आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं. महंगाई का सबसे बड़ा असर महिलाओं की रसोई पर पड़ा है, क्योंकि सब्जियों के बढ़ते दामों ने उनके किचन का बजट बिगाड़ दिया है.
बाहर से आने वाली सब्जियों के दाम और ज्यादासब्जी मंडी के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन बेनीवाल ने बताया कि स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली कुछ सब्जियों के दाम स्थिर हैं, लेकिन गुजरात के सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद से आने वाली सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल आया है. इसका कारण गर्मी के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट खर्च में बढ़ोतरी भी है.
व्यापारियों को रोजाना नुकसानमंडी के एक व्यापारी दीपाराम राव के अनुसार, गर्मी के चलते सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं जिससे व्यापारियों को हर दिन नुकसान उठाना पड़ रहा है. न सिर्फ डीलरों को घाटा हो रहा है, बल्कि ग्राहक भी महंगे दामों में कम गुणवत्ता वाली सब्जियां खरीदने को मजबूर हैं.
गर्मी से रुक जाती है सब्जियों की वृद्धिउद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. मनोज अग्रवाल बताते हैं कि अत्यधिक तापमान के कारण पौधों की वृद्धि रुक जाती है और फल-फूल बनने की प्रक्रिया थम जाती है. यह स्थिति ‘स्ट्रेस’ कहलाती है, जो फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं.
इन उपायों से कम हो सकता है नुकसानडॉ. अग्रवाल ने किसानों को कुछ सुझाव भी दिए हैं ताकि गर्मी के दुष्प्रभाव को कम किया जा सके.
सुबह और शाम को करें सिंचाई, दिन में नहीं.
ड्रिप सिंचाई प्रणाली अपनाएं जिससे पौधों को लगातार नमी मिलती रहे.
मिट्टी को हमेशा नम बनाए रखें, उसे सूखने न दें.
पोटेशियम सल्फेट 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें, जिससे पौधे गर्मी सहन कर सकें.
First Published :
April 18, 2025, 11:37 IST
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