Rajasthan

Hariyali Teej 2025: Know why Teej festival is celebrated, what is its importance, this time this special yoga is being made in this festival

Last Updated:July 26, 2025, 11:23 IST

हरियाली तीज महिलाओं का प्रमुख पर्व है, जो शिव-पार्वती के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, पूजा करती हैं, झूला झूलती हैं और लोकगीत गाती हैं. सौंदर्य, प्रेम और प्रकृति से जुड़ा…और पढ़ें

हाइलाइट्स

हरियाली तीज महिलाओं का प्रमुख पर्व हैशिव-पार्वती के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता हैइस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, पूजा करती हैं, झूला झूलती हैं

जयपुरः हरियाली तीज महिलाओं का त्यौहार है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, शिव-पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं. साथ ही सखी सहेलियों संग झूला झूलती हैं और सावन के लोकगीत गाकर उत्सव का आनंद लेती हैं. कुंवारी कन्याएं भी योग्य वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत करती हैं. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि हरियाली तीज का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इसे सौंदर्य, प्रेम और प्रकृति से जुड़ा पर्व माना जाता है. जिन लड़कियों के रिश्ते तय हो चुके उनके ससुराल से भी सिंजारा आएगा. नवविवाहितों के भी सिंजारा आने की परम्परा रही हैं. 

पंचांग के अनुसार-श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई की रात 10:41 बजे से शुरू होकर 27 जुलाई की रात 10:41 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार पर्व 27 जुलाई को मनाया जाएगा. इस दिन रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है. जो शाम 4.23 से शुरू होकर 28 जुलाई की सुबह 5.40 बजे तक रहेगा. रवि योग में व्रत और पूजन विशेष फलदायी माना जाता है और हरियाली तीज को श्रावणी तीज भी कहा जाता है. 

हरियाली तीज की कथा और परंपरायह त्योहार मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की याद में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कई वर्षों तक कठिन तप किया था. अंत में उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को यह विश्वास होता है कि अगर वह श्रद्धा और सच्चे मन से यह व्रत करें, तो उन्हें शिव जैसे गुणवान पति की प्राप्ति होगी या पति की आयु लंबी होगी.

कैसे मनाया जाता है तीज का पर्वइस दिन सुबह-सुबह महिलाएं स्नान कर नए कपड़े पहनती हैं, विशेष रूप से हरे रंग के. हाथों में मेहंदी रचाई जाती है, पारंपरिक गीत गाए जाते हैं, और झूले झूलने की परंपरा निभाई जाती है. शाम को महिलाएं सोहाग की 16 शृंगार में सजकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. विवाहित महिलाओं को उनके मायके से सिंजारा भेजा जाता है, जिसमें चूड़ियां, मेहंदी, बिंदी, कपड़े और घेवर जैसे पारंपरिक पकवान होते हैं.

Rupesh Kumar Jaiswal

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें

Location :

Jaipur,Rajasthan

homerajasthan

हरियाली तीज: शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का पर्व, सिंजारा और सावन की रौनक

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj