किसान इस ब्रीड की बकरियाें का करें पालन, शुष्क जगहाें पर कर लेती है सर्वाइव, लागत भी कम और मुनाफा जबरदस्त

Last Updated:May 19, 2025, 12:38 IST
Goat Best Breed: अगर आप भी एक पशुपालक हैं और उन्नत नस्ल की बकरियों का पालन कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो सिरोही नस्ल की बकरियां आपको अच्छा मुनाफा दिला सकती है. इस नस्ल की बकरियों को पालने के कई फायदे है. …और पढ़ें
राजस्थान में पाया जाने वाला सिरोही नस्ल की बकरियों सर्वोत्तम ब्रीड में से एक माना जाता है. मूल रूप से राजस्थान के सिरोही जिले में पाई जाने वाली इन बकरियों की डिमांड पूरे देश में होती है. सिरोही के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. जगदेव चौधरी ने बताया कि सिरोही बकरियां अपनी अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता और सूखा सहन करने की क्षमता के लिए पहचानी जाती है.
इस नस्ल की बकरियां 1 से 2 लीटर प्रति दिन दूध देती है. वहीं यह नस्ल उच्च गुणवत्ता वाला मांस उत्पादन के लिए भी जानी जाती है. सिरोही जिले के कई काश्तकार खेती के साथ इन बकरियों का पालन भी करते हैं. इस नस्ल की बकरियों की पहचान इसके शरीर पर बने चकते जैसे निशान से होती है. ये बकरी काले और भूरे रंग में मिलती है.
सिरोही बकरियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, जिससे वे किसी भी वातावरण में जीवित रह सकती है. ये बकरियां सूखे इलाकों में भी आसानी से रह लेती है. सिरोही जिले में कई पशुपालक इस बकरी का पालन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
सिरोही बकरियों का पालन कम निवेश में अधिक लाभ प्रदान करता है. सिरोही बकरियां एक बार में एक से अधिक बच्चे पैदा कर सकती हैं, जो पशुपालकों के लिए फायदेमंद है. सिरोही बकरियां तेजी से वजन बढ़ाती हैं.
पशु चिकित्सक डॉ. चौधरी ने बताया कि इस नस्ल की बकरी गर्म और शुष्क जलवायु में भी अच्छी तरह से रह सकती है, जो इसे सिरोही, जालोर, बाड़मेर समेत राजस्थान के रेगिस्तानी और पहाड़ी इलाकों के लिए उपयुक्त बनाती है. इसी वजह से इस नस्ल की डिमांड अन्य नस्ल की बकरियों से ज्यादा होती है.
टीएसपी क्षेत्र के जनजाति पशुपालकों को जनजाति परियोजना में सिरोही नस्ल की बकरियां नि:शुल्क दी जाती है, ताकि पशुपालक इससे अपनी आय बढ़ा सके. इस योजना का फ़ायदा लेने के लिए टीएडी कार्यालय में पशुपालक सम्पर्क कर सकते हैं.
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कहीं भी सर्वाइव कर सकती है बकरी की यह ब्रीड, कम लागत में भी होगी तगड़ी कमाई