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मासूम की सांसें थमीं तो दौड़ी डॉक्टरों की टीम, श्वास नली से मूंगफली का दाना निकाल 3 साल की बच्ची की बचाई जान

Last Updated:May 19, 2025, 11:28 IST

Udaipur News: राजसमंद की रहने वाली 3 वर्षीय शिवन्या ने खेल-खेल में मूंगफल की 20 से 25 दाने खा लिए. एक दाना श्वास नली में फंस गया तो पीएमसीएच अस्पताल लेकर पहुंचे. रिपोर्ट में सामने आया कि बच्ची की दोनों फेफड़ों …और पढ़ेंX
श्वास
श्वास नली में फंसा मूंगफली का दाना 

हाइलाइट्स

3 साल की बच्ची की श्वास नली से मूंगफली निकाली गई.डॉक्टरों की टीम ने ब्रोंकोस्कोपी से सफल ऑपरेशन किया.बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है, परिजनों ने आभार जताया.

उदयपुर: राजसमंद की रहने वाली 3 वर्षीय शिवन्या के परिजन उस वक्त घबरा गए जब अचानक बच्ची को सांस लेने में तकलीफ होने लगी, बुखार चढ़ गया और सीने में तेज दर्द के साथ गले में सूजन आ गई. दरअसल, मासूम ने खेल-खेल में एक साथ 25 से 30 मूंगफली के दाने खा लिए थे, जिनमें से एक दाना उसकी सांस की नली में फंस गया. हालत बिगड़ने पर उसे पहले स्थानीय चिकित्सकों के पास ले जाया गया, लेकिन जब राहत नहीं मिली तो परिजन उसे उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) लेकर आए. जहां डाक्टराें की टीम ने ऑपरेशन के जरिए मूंगफली के दाने को निकाला. अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है.

श्वास नली में फंस गया था मूंगफली का दाना

पीएमसीएच में सबसे पहले कान-नाक-गला रोग विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शिव कौशिक ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत सीटी स्कैन करवाया. रिपोर्ट में सामने आया कि बच्ची की दोनों फेफड़ों की मुख्य श्वास नली में एक मूंगफली का दाना फंसा हुआ है, जिससे उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है. बिना देर किए डॉक्टरों की टीम ने ब्रोंकोस्कोपी के जरिए ऑपरेशन का निर्णय लिया और सफलतापूर्वक उस दाने को बाहर निकाल लिया. इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में डॉ. शिव कौशिक, डॉ. रिचा गुप्ता, डॉ. महेश, डॉ. श्वेता, डॉ. दृष्टि, डॉ. रुचिका, डॉ. इशिता, डॉ. अनिल समेत पैरामेडिकल स्टाफ का अहम योगदान रहा. वहीं, पीआईसीयू में बच्ची की निगरानी की जिम्मेदारी डॉ. पुनीत जैन, डॉ. पलक और उनकी टीम ने बखूबी निभाई.

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जोखिम भरा होता है कम उम्र में ऑपरेशन

डॉ. कौशिक ने बताया कि इतनी कम उम्र के बच्चे में सामान्य ऑपरेशन करना जोखिम भरा होता है, इसलिए दूरबीन विधि से मुंह के रास्ते मूंगफली को बाहर निकाला गया. उन्होंने आगाह किया कि 5 साल से छोटे बच्चों को मूंगफली, ड्राई फ्रूट या छोटे दानेदार खाद्य पदार्थ देने से परहेज करें, क्योंकि ये सांस की नली में फंसकर जानलेवा साबित हो सकते हैं. पीएमसीएच के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमन अग्रवाल ने बताया कि बीते डेढ़ साल में अस्पताल की टीम ने 100 से अधिक बच्चों की सांस नली से खिलौनों, बीजों, एलईडी बल्ब और मक्की के दानों जैसी वस्तुएं निकालकर उन्हें नया जीवन दिया है. शिवन्या के परिजनों ने पीएमसीएच की पूरी टीम का आभार जताया और इसे उनकी बेटी के लिए “दूसरा जन्म” बताया.

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3 साल की मासूम को मिली नई जिंदगी, पीएमसीएच के डॉक्टरों ने ऐसे बचाई जान

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