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Delhi Winter Action Plan: कितना अलग होगा इस साल का दिल्ली विंटर एक्शन प्लान? मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल करेंगे ऐलान

नई दिल्ली. दिल्ली में मॉनसून की विदाई होते ही प्रदूषण (Pollution) को लेकर मगजमारी शुरू हो गई है. सितंबर-अक्टूबर महीने से ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है. बुधवार को दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से ज्यादा दर्ज किया गया है. प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने तकरीबन सारी तैयारी पूरी कर ली है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) 30 सितंबर को 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा करेंगे. इस प्लान के मुताबिक दिल्ली में अब 5 हजार वर्गमीटर की निर्माण साईट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य होगा.

इसके अलावा वायु की स्थिति खराब होने से पहले पूर्वानुमानों के आधार पर 3 दिन पहले से ही ग्रेप के उपायों को लागू किया जाएगा. सभी निर्माण कार्य से संबंधित एजेंसियों को धूल प्रदूषण से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि अब वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब होने से पहले पूर्वानुमानों के आधार पर 3 दिन पहले से ही ग्रेप के उपायों को लागू किया जाएगा. एक्यूआई की भविष्यवाणी आईआईटीएम और आईएमडी के डायन्मिक एयर क्वालिटी फॉरकास्ट सिस्टम डेटा के आधार पर की जाएगी.

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Delhi Air Pollution: मौसम बदलने के साथ बढ़ने लगा है वायु प्रदूषण.

दिल्ली विंटर एक्शन प्लान में क्या होगा
धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था. अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साईट पर एक एंटी स्मोग, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साईट पर 2 एंटी स्मोग गन, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर निर्माण साइट पर 3 एंटी स्मोग गन और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर कम से कम 4 एंटी स्मोग गन होनी चाहिए.

जानें दिल्ली सरकार का प्लान
पर्यावरण मंत्री ने कहा कहा कि पिछली बार निर्माण कार्यों से जुड़ी सभी एजेंसियों के साथ मिलकर धूल प्रदूषण को कम करने के लिए काम किया था. इस बार भी हम सभी एजेसियों से अपील करते हैं कि धूल प्रदूषण से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करें. निर्माण कार्य में लगी एजेंसियां जो इन नियमों का पालन नहीं करेंगी, उनपर कार्रवाई की जाएगी.

Delhi Air Pollution

एक अक्टूबर से NCR में लागू होगा GRAP, प्रदूषण बढ़ने के साथ बढेंगी पाबंदियां. (फाइल फोटो)

धूल प्रदूषण को लेकर इस बार सख्ती
गोपाल राय के मुताबिक, सर्दियों में होने वाली प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार 15 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान बना रही है. इसके लिए दिल्ली सचिवालय में संबंधित 30 विभागों के साथ 5 सितम्बर को संयुक्त बैठक की गई. सभी विभागों को 15 सितंबर तक पर्यावरण विभाग को विंटर एक्शन प्लान के तहत विस्तृत कार्ययोजना सौंपने के निर्देश दिए गए थे. सभी विभागों ने विंटर एक्शन प्लान से संबंधित सुझाव और रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है.

ये भी पढ़ें: विंटर एक्शन प्लान से खत्म होगा दिल्ली का प्रदूषण? जानें कोरोना के बाद राजधानी में कितना बढ़ा PM- 2.5 का स्तर

गौरतलब है कि इस बार कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की तरफ से ग्रेप में कुछ परिवर्तन किए गए है. दिल्ली में पहले 2018 से इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम लागू किया जा रहा था. उसका आधार वायु में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा हुआ करती थी. उसी के आधार पर प्रदूषण के स्तर को 5 वर्गों, मॉडरेट, पूअर, वेरी पूअर, सेवियर और सेवियर प्लस में विभाजित किया गया था. इसमें संशोधन करके 2022 में AQI लेवल के आधार पर प्रदूषण के स्तर को 4 वर्गों -पूअर (एक्यूआई 201-300), वेरी पुअर (एक्यूआई 301-400), सेवियर (एक्यूआई 401-450) और सेवियर प्लस (एक्यूआई > 450) में बांटा गया है.

Tags: Air pollution, Air pollution in Delhi, Chief Minister Arvind Kejriwal, Environment news, Gopal Rai

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