First Action In Rajasthan After Hallmarking Is Implemented – हॉलमार्किंग लागू होने के बाद राजस्थान में पहली कार्रवाई

भारत सरकार द्वारा 15 जून 2021 से स्वर्ण आभूषणों की बिक्री के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य होने बाद भारतीय मानक ब्यूरो की जयपुर शाखा लगातार मिल रही शिकायतों पर सक्रिय हो गई है।

जगमोहन शर्मा/जयपुर। भारत सरकार द्वारा 15 जून 2021 से स्वर्ण आभूषणों की बिक्री के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य होने बाद भारतीय मानक ब्यूरो की जयपुर शाखा लगातार मिल रही शिकायतों पर सक्रिय हो गई है। भारतीय मानक ब्यूरो ने 23 और 24 जून को मैसर्स राधा कृष्णा हॉलमार्क सेंटर एंड रिफाइनरी (चौड़ा रास्ता) पर सर्च और सीजर की कार्रवाई की है। बीआइएस के अधिकारियों का कहना है कि इस फर्म के पास हालमार्क करने के लिए मान्यता नहीं होने के बावजूद अवैध रूप से हॉलमार्किंग की जा रही थी। बीआइएस के अनुसार मैसर्स राधा कृष्णा हॉलमार्क सेंटर से हॉलमार्क किया हुआ सेम्पल लिया गया, जो अवैध पाया गया। इसके बाद उसकी लेजर मार्किग मशीन एवं कम्यूटर को सीज कर दिया गया। अब विभाग इस फर्म पर सेक्शन 29 के तहत कानूनी कार्यवाई करेगा।
क्या है नियम
भारतीय मानक ब्यूरो की गाइडलाइन के अनुसार सोने की बनी वस्तु पर हॉलमार्क का निशान इस बात का प्रमाण होता है कि इसकी शुद्धता को जांचा-परखा गया है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड रूल्स 1987 के क्लॉज-30 के मुताबिक हॉलमार्क किए गए किसी भी आभूषण में यदि स्टैम्प के मुताबिक शुद्धता नहीं पाई जाती, तो ग्राहक को इस मिलावट का भुगतान उस ज्वैलर को करना होगा, जो आभूषण का विक्रेता है।
कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
सोने से बने किसी भी जेवरात को लेते समय उस पर हॉलमार्क का निशान देखकर अक्सर हमें लगता है कि जो चीज हम ले रहे हैं वो बिल्कुल ठीक है, लेकिन इन जेवरातों में हॉलमार्क स्टैम्प करने वलो सेंटर खुद ही इनकी शुद्धता की जिम्मेदारी नहीं लेते। इससे जांचने की पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है।
कैलाश मित्तल, अध्यक्ष, सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी