Health

2050 तक आधी दुनिया की नजरें हो जाएंगी खराब, बच्चों में तेजी से फैल रही ये बीमारी, डरा देगी ये स्टडी

Cases of myopia is rising in children: दुनिया भर में स्कूल जाने वाले बच्चों में मायोपिया यानी निकट दृष्टि दोष महामारी बन गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, घर के अंदर खेलने और लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग करने से बच्चों में इस बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं. निकट दृष्टि दोष में पास की चीजें साफ दिखती हैं जबकि दूर की चीजों को देखने में कठिनाई होती है. पिछले कुछ दशकों में बच्चों में निकट दृष्टि दोष के मामले बढ़ रहे हैं.

द लैंसेट में प्रकाशित एक स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक दुनिया की लगभग आधी आबादी इस बीमारी से ग्रसित हो सकती है, जो 2010 में 28 प्रतिशत से काफी अधिक है. यह दर विशेष रूप से एशिया में अधिक है, जहां 90 प्रतिशत बच्चे और एडल्ट इससे प्रभावित हैं.

बच्चों में क्यों बढ़ रहा मायोपिया?डिजिटल युग में बच्चों के कंप्यूटर, टैबलेट और स्मार्टफोन के स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से बच्चों में निकट दृष्टि दोष बढ़ने की संभावना और अधिक हो गई है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी में हुई एक स्टडी के हवाले से कहा गया है कि जो बच्चे स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं, उनमें निकट दृष्टि दोष विकसित होने का जोखिम ज्यादा होता है.

गंभीर बीमारी को जन्म दे सकती है मायोपियाकुछ जानकारों का मानना है कि इस बीमारी के पीछे जीन्स भी एक भूमिका निभाती है. माता-पिता से बच्चों में यह बीमारी आने की संभावना ज्यादा होती है. हालांकि, वर्तमान समय में पर्यावरण भी इसका कारण हो सकता है. निकट दृष्टि दोष का बढ़ना भविष्य में आंखों के स्वास्थ्य से जुड़ी और भी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है. इस बीमारी से रेटिना डिटैचमेंट, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद का जोखिम बढ़ जाता है.

अपनी आखों को कैसे बचाएं?बच्चों को हर समय अपने चश्मे का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि इससे आंखों की मांसपेशियों पर तनाव और आंखों की थकान कम होती है.

बाहर समय बिताएं- स्टडी से पता चला है कि प्राकृतिक प्रकाश में बाहर खेलना और दूर की ओर देखना निकट दृष्टि दोष में सुधार के लिए एक बेहतरीन उपाय है. हमेशा प्रयास करें कि आपका बच्चा दिन में कम से कम दो घंटे बाहर खेले.

लंबे समय तक न करें ये काम- किसी भी तरह की नजदीकी गतिविधि- चाहे पढ़ना हो या स्क्रीन देखना हो… ब्रेक के साथ और आंखों से पर्याप्त दूरी पर किया जाना चाहिए. अपने बच्चे को नजदीकी गतिविधि के दौरान हर 20-30 मिनट में ब्रेक लेने और कुछ सेकंड या मिनट के लिए दूर की वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने के लिए शेड्यूल करें. पौने घंटे से ज्यादा लगातार नजदीकी गतिविधि करने से बचें. साथ ही, सुनिश्चित करें कि कोई भी नजदीकी गतिविधि आंखों से 33 सेंटीमीटर से कम दूरी पर न की जाए.

एट्रोपिन आई ड्रॉप का उपयोग करें- आई स्पेशलिस्ट कुछ विशेष रूप से तैयार की गई आई ड्रॉप बता सकते हैं, जिनका उपयोग अब निकट दृष्टि दोष के बढ़ने से रोकने के लिए किया जा रहा है. ये पतले एट्रोपिन के आई ड्रॉप हैं, जो पुतलियों के फैलाव और आंखों की मांसपेशियों को आराम देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा है. इसे बच्चे की बढ़ती उम्र के दौरान हर रात सोते समय आंखों में डालना चाहिए. (IANS से इनपुट के साथ)

Tags: Health, Lifestyle, New Study

FIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 12:27 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj