Rajasthan

Infertility is becoming a big problem#in Youth# | युवाओं में बांझपन बन रहा है बड़ी समस्या

पिछले कुछ वर्षों में बांझपन कई युवा जोड़ों के बीच सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक के रूप में उभरा है। जीवन शैली, प्रदूषण, तनाव, अनियमित नींद पैटर्न, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान और शराब भारत में बांझपन के बढ़ने के कुछ कारण हैं।

जयपुर

Updated: February 15, 2022 09:16:31 pm

जयपुर।
पिछले कुछ वर्षों में बांझपन कई युवा जोड़ों के बीच सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक के रूप में उभरा है। जीवन शैली, प्रदूषण, तनाव, अनियमित नींद पैटर्न, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान और शराब भारत में बांझपन के बढ़ने के कुछ कारण हैं।
आंकड़ों से यह भी पता चला कि पिछले 2 दशकों में राजस्थान में प्रजनन दर तेजी से 4.6 से घटकर 2.0 हो गई है और अब राजस्थान उन शीर्ष 10 राज्यों में शामिल है, जहां प्रजनन क्षमता तेजी से घट रही है। इसके अलावा राजस्थान में प्रचलित धार्मिक और पारम्परिक रीति-रिवाजों के साथ-साथ जागरूकता की कमी के कारण बड़ी संख्या में जोड़े उपचार में देरी करते हैं, जिसने राज्य में बांझपन के आंकड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
द इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन के अनुसार, बांझपन वर्तमान में लगभग 19 प्रतिशत भारतीय आबादी को प्रभावित करता है। शहरी क्षेत्रों में उच्च दर के साथ प्रत्येक चार में से एक जोड़ा प्रभावित होता है। इसी को देखते हुए मातृत्व के सपने को साकार करने के लिए डॉ. नयना पटेल की ओर से स्थापित फर्टिलिटी और आईवीएफ केन्द्र जिविया आईवीएफ अब जयपुर में लांच किया है।
डॉ. निकेत पटेल बताया कि युवा विवाहित जोड़ों के बीच बांझपन एक चिन्ता का एक बड़ा विषय बन गया है, अगर कोई जोड़ा एक साल तक बच्चा पैदा करने की कोशिश के बावजूद असफल रहता है तो उनके लिए बांझपन विशेषज्ञ से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। महिलाओं के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि 35 वर्ष की आयु के बाद प्रजनन क्षमता बहुत तेजी से गिरती है।

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