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Heavy Rain in 2021 August End and September Starting

Indian Astrology: वर्षा के योग में नक्षत्रों के साथ ही नवग्रहों का भी खास महत्व रहता है।

Indian Astrology: इन दिनों देश के कई क्षेत्रों में बारिश शुरु होनी शुरु चुकी है। एक ओर जहां मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हर रोज रिमझिम फुहार देखने को मिल रही है। वहीं दो दिन पहले ही जम्मू कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने तक की घटना हो चुकी है। जबकि देश के कई क्षेत्र अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं।

ऐसे में ज्योतिष के जानकारों के अनुसार ग्रहों के परिवर्तन के बीच अगस्त से सितंबर 2021 में जोरदार बारिश के योग बनते दिख रहे हैं। ज्योतिष के जानकार पंडित एसके पांडे के अनुसार देश में 25 अगस्त से 06 सितंबर तक तेज बारिश के योग बन रहे हैं। कारण ये है कि 26 से शुक्र व बुध साथ कन्या राशि में होंगे।

पं.पांडे के मुताबिक वर्षा के योग में नक्षत्रों के साथ ही नवग्रहों का भी खास महत्व रहता है। ऐसे में माना जाता है कि बुध और शुक्र जब कभी एक राशि होते हैं और यदि उस पर बृहस्पति की दृष्टि होती है तो ये अच्छी वर्षा के संकेत माने जाते हैं। लेकिन वहां शनि और मंगल जैसे क्रूर और उग्र ग्रह की दृष्टि नहीं पड़नी चाहिए।

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Rashi Parivartan August 2021

ऐसे में यदि अगस्त-सितंबर में ग्रहों की स्थिति देखें तो शुक्र 11 अगस्त को सिंह राशि से निकलकर बुध के स्वामित्व वाली कन्या राशि में जा रहे हैं। जो वहां 06 सितंबर 2021 को देर रात 12:39 AM बजे तक रहेंगे। वहीं बुध भी 26 अगस्त 2021 को कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जो यहां 22 सितंबर 2021 को शाम 07:52 PM बजे तक रहेंगे।

इन स्थितियों के चलते बुध व शुक्र का मिलन बुध के स्वामित्व वाली कन्या राशि में 26 अगस्त 2021 से 06 सितंबर तक होगा। वहीं इस दौरान बृहस्पति 14 सितंबर तक कुंभ राशि में रहेंगे। वहीं जहां तक उग्र ग्रहों की बात है तो इस दौरान जहां मंगल 6 सितंबर तक सिंह राशि में रहेंगे, वहीं शनि इस समय मकर राशि में रहेंगे।

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Shiv temple and flag

इसके साथ ही ज्योतिष के मुताबिक वर्षा को लेकर नक्षत्रों के योग को भी देखना आवश्यक होता है। ऐसे में ज्योतिष के अनुसार यदि रोहिणी नक्षत्र का वास समुद्र में हो तो ऐसे में यह जोरदार वर्षा का योग बनाता है। इसके साथ ही रोहिणी का वास समुद्र तट पर होने पर भी वर्षा खूब होती है। ऐसे में इस बार रोहिणी का वास भी समुद्र तट पर रहेगा जो उत्तम वर्षा के योग बना रहा है।

इसके अलावा गोचर में ही शुक्र का चंद्रमा के साथ एक राशि में संबंध होने पर या मंगल का चंद्रमा के साथ एक राशि में स्थित होने पर या दोनों ही चंद्र राशि में आएं तो अति वृष्टि का योग बनता है। ऐसे में इस दौरान चंद्रमा भी वर्षा में सहयोग करेगा।

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