Jhalawar School News: Education Minister Madan Dilawar Takes Responsibility, Student Complained About Roof, 5 Teachers Suspended | झालावाड़ स्कूल हादसे पर सियासत गरम

झालावाड़: जिले में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. इस भयावह हादसे ने प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घटना पर दुख जताते हुए साफ तौर पर कहा, ‘शिक्षा मंत्री तो मैं ही हूं और दूसरा कोई है नहीं, तो जिम्मेदारी तो लेनी ही पड़ेगी’. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसी पर सीधे आरोप-प्रत्यारोप करना उचित नहीं है, लेकिन इस मामले में निष्पक्ष जांच करवाई जा रही है.
दिलावर ने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर पांच शिक्षकों को निलंबित किया गया है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे दोषी हैं. उन्होंने कहा, ‘बच्ची ने बताया कि जिस तरह से कंकड़ गिर रहे थे, उसने शिक्षकों को सूचना दी, लेकिन वे नाश्ता करते रहे और बात को गंभीरता से नहीं लिया गया. इसी आधार पर प्रथम दृष्टया कार्रवाई की गई है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी.‘
राज्य सरकार का ऐलान- 2 लाख मुआवजा, नया स्कूल और मृतकों के नाम पर कक्ष
मदन दिलावर ने बताया कि राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी. इसके अलावा, उस स्थान पर एक नया स्कूल बनवाया जाएगा, और स्कूल के कमरों के नाम उन बच्चों के नाम पर रखे जाएंगे, जिनकी मौत इस हादसे में हुई.
राहुल गांधी का निशाना, ‘बहुजन बच्चों की जान की कोई कीमत नहीं?’
इस हादसे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से कई मासूम बच्चों की मौत और कई अन्य घायल होना बेहद दुखद और चिंताजनक है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जर्जर स्कूलों की शिकायतों को सरकार ने अनदेखा किया, जिसके कारण इन मासूमों की जान गई.’
राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें अधिकतर बहुजन समाज से थे. उन्होंने सवाल किया, ‘क्या बीजेपी सरकार के लिए इन बच्चों की जान की कोई कीमत नहीं है?’ उन्होंने निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की.
राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से कई मासूम बच्चों की मौत और कई अन्य का घायल होना बेहद दुखद और चिंताजनक है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जर्जर स्कूलों की शिकायतों को सरकार ने अनदेखा किया, जिसके कारण इन मासूमों की जान गई है। इनमें से अधिकांश बच्चे बहुजन समाज के…