Rajasthan

जब बेटियों ने पहना घुंघरू, भीलवाड़ा में गूंजा जयपुर घराने का कत्थक

Last Updated:April 24, 2025, 12:52 IST

भीलवाड़ा की कत्थक गुरु रमा पचिसिया पाश्चात्य प्रभाव के बीच कत्थक को पुनर्जीवित करने में जुटी हैं. वे बालिकाओं को नृत्य सिखाती हैं और भीलवाड़ा कत्थक समारोह आयोजित कर लोगों को संस्कृति से जोड़ने का प्रयास कर रही …और पढ़ेंX
कत्थक
कत्थक करती बालिका

 रवि पायक /भीलवाड़ा- आज के आधुनिक दौर में जहां पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव गहराता जा रहा है, वहीं भीलवाड़ा की कत्थक गुरु रमा पचिसिया ने एक अनोखी पहल की है. उन्होंने न सिर्फ शहर की बालिकाओं को कत्थक सिखाने की जिम्मेदारी उठाई है, बल्कि पूरे शहर को इस कला के प्रति जागरूक करने के लिए भीलवाड़ा कत्थक समारोह का आयोजन भी करती हैं.

बच्चों को जोड़ना अपनी जड़ों सेरमा पचिसिया का मानना है कि मोबाइल और आधुनिक जीवनशैली के कारण आजकल के बच्चे अपनी सांस्कृतिक जड़ों से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में शास्त्रीय नृत्य जैसे कत्थक के माध्यम से उन्हें फिर से अपनी संस्कृति से जोड़ने की आवश्यकता है. इसीलिए हर वर्ष भीलवाड़ा कत्थक समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें देशभर से प्रतिष्ठित गुरु और कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देते हैं.

आत्मा को छूने वाला अनुभवगुरु रमा पचिसिया बताती हैं कि शास्त्रीय संगीत और नृत्य भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं. भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में यह संगीत शांति और संतुलन प्रदान करता है. नौ रसों में अंतिम रस “शांति” है और शास्त्रीय संगीत उसी की ओर ले जाता है. इसीलिए नई पीढ़ी को इस विरासत से जोड़ना आज की सबसे बड़ी जरूरत है.

कत्थक समारोह एक सांस्कृतिक संगमस्व. पं. राजकुमार जवड़ा स्मृति भीलवाड़ा कत्थक समारोह 2025 के तहत कई प्रतिष्ठित कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं. मुख्य आकर्षण रहीं भीलवाड़ा की युवा नृत्यांगना मनस्वी पचिसिया, जिन्होंने जयपुर घराने की शैली में अष्टपदी की प्रस्तुति दी.

दिल्ली से आए कलाकार गौरव जवड़ा और हिमानी जवड़ा ने जयपुर और लखनऊ घराने की मिश्रित प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं जवड़ा बंधु चेतन व भवदीप जवड़ा की गुरु वंदना ने समारोह को एक आध्यात्मिक रंग दिया.

युवा प्रतिभाओं का सम्मानसमारोह के दौरान अंकिता राणावत को “नृत्यदीप्ति सम्मान” से नवाजा गया. उन्हें यह सम्मान कत्थक क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया.

Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

April 24, 2025, 12:52 IST

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