Rajasthan

Hijab case: 58 girl students suspended for protesting in college campu | हिजाब मामला : कॉलेज परिसर में प्रदर्शन करने पर 58 छात्राएं निलंबित

हिजाब मामले में शिवमोग्गा कॉलेज के प्रांगण में प्रदर्शन कर रही 58 छात्राओं को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है।

जयपुर

Published: February 19, 2022 11:13:42 pm

जयपुर. हिजाब मामले में शिवमोग्गा कॉलेज के प्रांगण में प्रदर्शन कर रही 58 छात्राओं को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है। कॉलेज के प्राचार्य के आदेशानुसार कर्नाटक में शिवमोग्गा जिले के शिकारीपुर तालुक के शिरालकोप्प के कर्नाटक पब्लिक स्कूल की छात्राओं को निलंबित कर दिया
गया है।
बीते सोमवार से कॉलेज विभाग की छात्रा बीते एक सप्ताह से कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति प्रदान करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही थी। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को समान वस्त्र पहनने संबंधित जारी नियम का पालन करने को कहा था। कॉलेज के प्रांगण में प्रदर्शन न करने की अपील छात्राओं से की गई थी। प्रशासन के समझाने के बावजूद छात्राएं जिद पर अड़ी रही। अन्य विद्यार्थियों ने प्रदर्शन कर रही छात्राओं के खिलाफ उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी।
शिकायत में कहा गया था कि छात्राओं के प्रदर्शन के कारण, नारेबाजी के कारण अन्य विद्यार्थियों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। शिकायत के आधार पर कॉलेज के प्राचार्य ने पीयूसी की 38 तथा पीयूसी द्वितीय कक्षा की 20 छात्राओं को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया। छात्राओं के निलंबन को लेकर जिलाधिकारी तथा पीयू उप निदेशक ने कहा कि विभाग तथा प्रशासन की ओर से किसी भी छात्रों को निलंबित नहीं किया गया है।

हिजाब मामला : कॉलेज परिसर में प्रदर्शन करने पर 58 छात्राएं निलंबित

हिजाब मामला : कॉलेज परिसर में प्रदर्शन करने पर 58 छात्राएं निलंबित

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा
हिजाब पर हंगामा खड़ा करने वालों को गिरफ्तार करें
हुब्बल्ली. केंद्रीय संसदीय मामलात, कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि हिजाब पहनवाने तथा हटाने के लिए कॉलेज के पास जो भी आएं उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि सब कुछ सहन कर खामोश नहीं रहा जा सकता। छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश दें, बिना तथ्य के विद्यार्थियों को भड़काने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अदालत के अग्रिम आदेश का सभी को पालन करना चाहिए। ऐसे ही छोड़ा जाए तो अंतिम आदेश का पालन नहीं करने की बात भी कह सकते हैं। कड़ी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए धरना देना ही कार्य बन गया है। आगामी वर्ष भी उनकी यही प्रवृत्ति जारी रहेगी।

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