भारत-पाक बंटवारे पर बनी फिल्म, बॉक्स-ऑफिस पर हुई डिजास्टर, पर उड़ा ले गई थी नेशनल अवॉर्ड

Last Updated:October 26, 2025, 12:12 IST
उर्मिला मातोंडकर और मनोज बाजपेयी हिंदी सिनेमा के दो मंझे हुए सितारे हैं जिन्होंने अपने लंबे करियर के दौरान कई बेहतरीन फिल्में दी हैं. 22 साल पहले इस जोड़ी की एक ऐसी फिल्म आई थी जिसकी चारों ओर खूब वाहवाही हुई थी. फिल्म को समीक्षकों ने खूब सराहा था, लेकिन बॉक्स-ऑफिस पर ये डिजास्टर साबित हुई थी.
उर्मिला मातोंडकर और मनोज बाजपेयी की साल 2003 में फिल्म पिंजर आई थी. आज इस फिल्म की रिलीज को 22 साल पूरे हो चुके हैं. पिंजर बॉलीवुड की बेहतरीन और क्लासिक कल्ट फिल्मों में शामिल है. इसमें उर्मिला मातोंडकर और मनोज बाजपेयी ने अपने शानदार अभिनय से खूब वाहवाही लूटी थी.

पिंजर को क्रिटिक्स ने खूब सराहा था. इसे काफी पसंद किया गया था. इसका निर्देशन चाणक्य जैसा कालजयी सीरियल बनाने वाले डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने किया था. फिल्म 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर आधारित थी.

22 साल पहले आई इस फिल्म में कलाकारों के अभिनय को काफी सराहा गया था. अगले साल इसने फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता था. लेकिन बॉक्स-ऑफिस पर ये मूवी औंधे मुंह गिरी थी. लागत तक वसूलने में मेकर्स के पसीने छूट गए थे. उस दौर में 12 करोड़ की लागत से बनी फिल्म घीसते-घीसाते 6 करोड़ का ही बिजनेस कर पाई थी.

भारत पाकिस्तान बंटवारे पर बनी ये फिल्म अमृता प्रीतम की किताब पिंजर की कहानी पर आधारित थी. इस फिल्म से मेकर्स को काफी उम्मीदें थीं. लेकिन ज्यादातर समीक्षकों द्वारा सराही गई फिल्मों की तरह इसका भी कमर्शियल तौर पर बुरा हाल हुआ था.

उर्मिला मातोंडकर और मनोज बाजपेयी की फिल्म पिंजर को बेस्ट फीचर फिल्म कैटेगरी में नेशनल अवॉर्ड मिला था. ये फिल्म बंटवारे के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच फंसी एक महिला की इमोशनल कहानी है. इस फिल्म के 22 साल पूरे होने पर एक्ट्रेस ने खुशी जाहिर की.

उर्मिला मातोंडकर ने रविवार को इंस्टाग्राम पर फिल्म से जुड़ी पुरानी यादों और फोटोज को शेयर किया है. फिल्म के पोस्टर में उर्मिला यानी ‘पूरो’ मनोज बाजपेयी के साथ दिख रही हैं. उन्होंने कैप्शन में लिखा, “पिंजर ने 22 साल पूरे कर लिए हैं और ‘पूरो’ हमेशा मेरे दिल में रहेगी.

वहीं मनोज बाजपेयी ने भी फिल्म की पुरानी यादों को ताजा किया और लिखा, “दो दशक और दो साल पहले, ‘पिंजर’ रिलीज हुई थी और इस फिल्म की मेरे सफर में एक खास जगह है. यह फिल्म किसी भी मुख्यधारा के पुरस्कार के लिए योग्य नहीं थी, लेकिन इसने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते, जिनमें मेरा दूसरा पुरस्कार भी शामिल है.” एक्टर ने टीम के सभी को-स्टार्स और टीम के बाकी मेंबर्स को दिल से शुक्रिया कहा है.

फिल्म में उर्मिला मातोंडकर ने ‘पूरो’ नाम की हिंदू लड़की का रोल प्ले किया है और मनोज बाजपेयी राशिद नाम के मुसलमान व्यक्ति की भूमिका निभाई थी. फिल्म में राशिद और पूरो के परिवार के बीच खानदानी दुश्मनी होती है और दोनों के बीच संपत्ति का विवाद चल रहा था. बदला लेने के लिए पूरो को निशाना बनाया जाता है. विभाजन के समय राशिद पूरो को किडनैप कर लेता है, लेकिन राशिद के मन में पूरो के लिए प्यार है और वह उसे भागने में मदद करता है.
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October 26, 2025, 12:12 IST
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