ऑपरेशन त्रिशूल: आज होगा ‘मरु ज्वाला’ और कल ‘अखण्ड प्रहार’, भारतीय सेना के शौर्य से कांप उठेगा पाकिस्तान

ऑपरेशन महा गजराज के तहत जैसलमेर से सर क्रीक तक भारत का ऐतिहासिक युद्धाभ्यास, 31 अक्टूबर से 12 नवंबर 2025 तक 13-दिवसीय शौर्य प्रदर्शन, ऑपरेशन सिंदूर के बाद सतर्क सेनाओं का दमखम, 30 हजार जवानों की भागीदारी, मरु ज्वाला, अखण्ड प्रहार और अगड़ावा एयर स्ट्रिप पर इमरजेंसी लैंडिंग का जोरदार प्रदर्शन.
30 अक्टूबर 2025 को शुरू हुआ ‘ऑपरेशन त्रिशूल’ भारत की सशस्त्र सेनाओं का अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास है, जो पूर्वी कमांड के गजराज कोर के ‘ऑपरेशन महा गजराज’ के व्यापक ढांचे के तहत आयोजित हो रहा है. थल सेना, नौसेना और वायुसेना के 30 हजार से अधिक जवान पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर से गुजरात के सर क्रीक तक 1,000 किलोमीटर के क्षेत्र में तैनात हैं. दक्षिणी कमांड के नेतृत्व में चल रहा यह 13-दिवसीय अभ्यास कल, 12 नवंबर को समाप्त होगा.
मई 2025 के ‘ऑपरेशन सिंदूर’- जिसमें पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए. सरहद पर सतर्क सेनाएं इस बार ‘जॉइंटनेस, आत्मनिर्भरता और इनोवेशन’ (जेएआई) की नीति को मजबूत कर रही हैं.
प्रमुख उद्देश्य और संयुक्त कार्रवाइयांअभ्यास का मुख्य लक्ष्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना, मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस (भूमि, समुद्र, हवा, साइबर, स्पेस) की क्षमता परखना तथा स्वदेशी हथियारों का परीक्षण करना है. थार रेगिस्तान से सर क्रीक के दलदली इलाकों तक फैले इस युद्धाभ्यास में टी-90 भीष्म टैंक, राफेल-सुखोई-30 जेट्स, अपाचे हेलीकॉप्टर, आईएनएस जलाश्वा जहाज, ड्रोन स्वार्म्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और साइबर सिस्टम शामिल हैं. सेनाओं के उच्चाधिकारी मौजूद हैं, जो विभिन्न हथियारों के प्रदर्शन की निगरानी कर रहे हैं. नोटाम जारी कर नागरिक उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जबकि पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र सीमित कर दिए.
मरु ज्वाला और अखण्ड प्रहार: शौर्य का चरमआज, 11 नवंबर को ‘मरु ज्वाला’ अभ्यास में रेगिस्तानी धोरों पर टैंकों और आधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण हो रहा है. जवान नई ताकत का नजारा पेश कर रहे हैं, जिसमें स्वदेशी मिसाइलें और यूएवी प्रमुख हैं. कल, 12 नवंबर को ‘अखण्ड प्रहार’ में एम्फीबियस ऑपरेशंस, हाईवे लैंडिंग और ड्रोन हमले प्रदर्शित होंगे. ये आयोजन जैसलमेर में सेना का शौर्य उजागर करेंगे, जो हाइब्रिड युद्ध की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी दर्शाते हैं.
अगड़ावा एयर स्ट्रिप: इमरजेंसी लैंडिंग का रूटीन अभ्यासइसी बीच, एनएच 925ए पर स्थित अगड़ावा एयर स्ट्रिप पाकिस्तान सीमा से मात्र 50 किलोमीटर दूर पर वायुसेना का रूटीन अभ्यास चल रहा है. गांधव से सीमावर्ती बखासर मार्ग पर बनी इस हाईवे पट्टी पर राफेल, तेजस और सुखोई विमानों की आपातकालीन लैंडिंग-टेकऑफ का प्रशिक्षण हो रहा है. कार्यक्रम के कारण यातायात डायवर्ट किया गया है. जिला प्रशासन और पुलिस मुस्तैद हैं, चेकपॉइंट्स व निगरानी से सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. सीमा के निकट विमानों की दहाड़ भारत की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का प्रतीक है.
पाकिस्तान पर प्रभाव और रणनीतिक संदेशऑपरेशन त्रिशूल ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का संकेत दिया, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी कि गलती पर इतिहास-भूगोल बदल जाएगा. यह अभ्यास न केवल सैन्य तैयारी मजबूत करता है, बल्कि आत्मनिर्भर हथियारों को वैश्विक पटल पर प्रमाणित करता है. समापन के साथ सेनाएं सरहद पर सतर्क रहेंगी, जो शांति की इच्छा के साथ युद्ध की तत्परता का संकल्प दर्शाता है.



