पंचायतीराज चुनाव में कांग्रेस को कांग्रेस से ही चुनौती, ये है वजह,Congress is getting challenge from Congress leaders in Rajasthan Panchayati Raj elections– News18 Hindi

जयपुर. इस बार पंचायतीराज चुनाव (panchayati raj election) में कई जगहों पर कांग्रेस ही कांग्रेस के खिलाफ नजर आ रही है. चुनाव से पहले कई क्षेत्रों में कांग्रेसी नेता आपस में ही उलझ रहे हैं और यहां मुकाबला कांग्रेस बनाम कांग्रेस होता हुआ नजर आ रहा है. कहीं टिकटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस नेताओं में मनमुटाव है तो कहीं अपने क्षेत्र में दखल को लेकर कांग्रेसी आमने-सामने हैं. कई नेता एक-दूसरे पर छींटाकशी कर रहे हैं तो चुनावी मैदान में एक-दूसरे को पटखनी देने की साजिशें भी अन्दरखाने रची जा रही हैं. करीब आधा दर्जन जगहों पर विवाद खुलकर सामने आ चुके हैं.
भरतपुर में कामां विधायक जाहिदा खान और नगर विधायक वाजिब अली के बीच अदावत सामने आ रही है. जोधपुर में मदेरणा फैमिली और पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ का परिवार आमने-सामने हैं. सवाईमाधोपुर में बामनवास विधायक इंदिरा मीणा का उनके भाई के साथ विवाद सामने आया तो खंडार विधायक अशोक बैरवा का भी अपने भाई से टिकट वितरण को लेकर विवाद हुआ. सिरोही में कांग्रेस नेताओं ने प्रभारी पर उद्योगपति के कहने पर टिकट बांटने का आरोप लगाया तो जयपुर के चौमूं में पूर्व विधायक रामेश्वर यादव के बेटे नरेन्द्र यादव पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी पर सिम्बल में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए निर्दलीय मैदान में उतर गए.
निर्दलीय और बसपा से आए विधायकों से भी है नाराजगी
कांग्रेस को नुकसान केवल कांग्रेस के भीतरी विरोध से ही नहीं है. जिन क्षेत्रों में निर्दलीय विधायक हैं या बसपा से कांग्रेस में आए विधायक हैं वहां भी कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता खफा हैं. चुनाव वाले जिलों में करीब 9 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर पहले से विवाद चले आ रहे हैं और नुकसान की आशंका है. दूदू में विधायक बाबूलाल नागर और कांग्रेस प्रत्याशी रहे रितेश बैरवा के बीच विवाद है. बस्सी में विधायक लक्ष्मण मीणा और कांग्रेस प्रत्याशी रहे दौलत मीणा के बीच विवाद की स्थिति है. इसी तरह शाहपुरा में विधायक आलोक बेनीवाल और कांग्रेस प्रत्याशी रहे मनीष यादव, महुआ में विधायक ओमप्रकाश हुडला और पूर्व जिला प्रमुख अजीत सिंह और गंगापुर सिटी में विधायक रामकेश मीणा और कांग्रेस प्रत्याशी रहे राजेश अग्रवाल के बीच विवाद की स्थिति है. बसपा से कांग्रेस में आए विधायक वाजिब अली और जोगिन्दर सिंह अवाना के खिलाफ भी कांग्रेसी लामबंद है.
प्रदेश अध्यक्ष को विपक्ष में नजर आ रहा बिखराव
अपने-अपने हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते देख कई कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. कई नेता ऊपर से तो शांत हैं, लेकिन चुनाव में अंदर ही अंदर पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यानि पार्टी को चुनाव में भितरघात का सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं कई जगहों पर कांग्रेसी नेताओं द्वारा निर्दलीय के तौर पर अपने प्रत्याशी भी खड़े किए गये हैं. ऐसे में कांग्रेस को चुनाव में कांग्रेस से ही दो-चार होना पड़ेगा और कई जगहों पर इसका खामियाजा भी उठाना पड़ेगा. इन सब विवादों के बावजूद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं कि पार्टी एकजुटता के दम पर चुनाव जीतेगी. पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा का कहना है कि विपक्ष टूटा हुआ और बिखरा हुआ है, जिसका कांग्रेस को फायदा मिलेगा. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को विपक्ष का बिखराव तो नजर आ रहा है, लेकिन अपनी पार्टी का नहीं.
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