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9 साल की उम्र में अकेला छोड़ चले गए मां-बाप, फिर बाबा खाटू श्याम ने थामा युवक का हाथ, ‘और अब…’

Last Updated:April 19, 2025, 22:49 IST


Baba Khatu Shyam: खाटू श्याम का एक ऐसा भी अनोखा भक्त है जिसका खुद बाबा श्याम ने हाथ थामा है. जी हां, इस भक्त की कहानी इतनी दिलचस्प है की आपके आंखों ए आंसू तो निकलेंगे लेकिन खुशी के.
9 साल की उम्र में अकेला छोड़ चले गए मां-बाप, फिर बाबा श्याम ने थामा युवक का हाथ

युवक ने शरीर में जंजीर बांधकर पदयात्रा पुरी की.

सीकर. विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम हर हारे का सहारा यूं ही नहीं कहते हैं. जब इंसान हारता है तो बाबा श्याम उसका हाथ थमते हैं. कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले केशव सक्सेना के साथ हुआ है. केशव 9 साल की उम्र से लगातार बाबा श्याम के दरबार में आ रहे हैं. अभी वे खुद को जंजीरों में जकड़ कर बाबा श्याम की पदयात्रा करने को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं.

कौन है केशव सक्सेनाश्याम भक्त केशव सक्सेना की उम्र 21 साल है. यह लड़का बाबा श्याम का बहुत बड़ा भक्त है. यूपी के रामपुर के रहने वाले केशव सक्सेना 9 साल की उम्र में पहली बार खाटू श्याम आया था. उसके बाद केशव बाबा श्याम का यू दीवाना हुआ कि जब मन करता है तब बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहुंच जाता है. केशव ने बताया कि एक बार उसके पास खाटूश्याम जाने के पैसे नहीं थे, तब उसने घर से साइकिल उठाई और बिना किसी पैसे के खाटूश्याम जी के लिए चल दिया. ऐसे मेरे केशव नी एक बार यूपी के रामपुर से खाटूश्याम तक साइकिल यात्रा भी की है.

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जंजीरों से बांधकर पदयात्रा पुरी की अब केशव के ऊपर बाबा श्याम की दीवानगी इतनी हावी हो चुकी है कि केशव खुद को जंजीरों में जकड़ कर बाबा श्याम के दर्शन के लिए खाटू पहुंचे. इन्होंने दो दिन पहले रात 11:00 बजे रींगस के श्याम मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद खुद को जंजीरों से बांधकर बाबा श्याम की पदयात्रा शुरू की थी. इसके बाद वे बिना खाए पिए रातभर खुद को जंजीरों में जकड़े हुए पदयात्रा करते रहे. इसके बाद अगले दिन पूरे दिन चलने के बाद दोपहर 2:00 बजे केशव खाटूश्याम जी मंदिर पहुंचा और बाबा श्याम के दर्शन किए. दर्शन के बाद केशव ने खुद को जंजीरों से मुक्त कर लिया.

9 साल की उम्र में माता-पिता ने छोड़ दिया थाकेशव ने बताया कि जब वह 9 साल की उम्र के थे तब उनके माता और पिता अलग-अलग शादी कर ली. दोनों ने मुझे बेसहारा छोड़ दिया. इसके बाद मैंने बाबा का हाथ थामा, अब केशव पिछले 10 साल से खाटूश्याम जी मंदिर आ रहे हैं. जब भी उसका मन करता है तब वह खाटूश्याम आ जाता है. केशव ने बताया कि वह अभी नैनीताल के पास स्थित एक छोटे से कस्बे में पानी की बोतल बनाने वाली फैक्ट्री में काम करता है.

Location :

Sikar,Sikar,Rajasthan

First Published :

April 19, 2025, 22:49 IST

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