Rajasthan Gujarat New Railway Line: Jaisalmer-Bhabhar Rail Project

बाड़मेर। पश्चिमी राजस्थान और गुजरात की सीमाओं को जोड़ने वाला नया रेलमार्ग अब विकास की नई कहानी लिखने जा रहा है. लंबे इंतजार के बाद जैसलमेर-भाभर रेल परियोजना का सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया है. यह रेलमार्ग न केवल दो राज्यों को जोड़ेगा बल्कि रास्ते में आने वाले 41 कस्बों और सैकड़ों गांवों की तस्वीर भी बदल देगा, जिससे पूरे क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक क्रांति की उम्मीद जगी है.
इस 357 किलोमीटर लंबी रेललाइन से जैसलमेर, बाड़मेर और जालोर जिलों को सीधा फायदा मिलेगा. अब तक यहां के लोगों को गुजरात या बड़े शहरों तक पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता था, लेकिन नया रेलमार्ग शुरू होने के बाद सफर आसान, सस्ता और तेज़ हो जाएगा. यह परियोजना स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यवसाय के अवसरों को भी बढ़ाएगी, जिससे पलायन पर रोक लगेगी.पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
यह रेलमार्ग पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा. इसके बनने से जैसलमेर के प्रमुख पर्यटन स्थलों- थार मरुस्थल, लोंगेवाला, तनोट माता मंदिर और जैसलमेर किला- तक पहुंचना और सुविधाजनक हो जाएगा.
रेल कनेक्टिविटी बढ़ने से देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में बड़ा उछाल आने की संभावना है.
पर्यटन के साथ ही होटल, टैक्सी, हैंडीक्राफ्ट और गाइड सेवाओं से जुड़े स्थानीय व्यवसायों में भी बड़ा उछाल आने की संभावना है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
अधिग्रहण और निर्माण की योजना
परियोजना के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इसके लिए राजस्थान की लगभग 990 हेक्टेयर जमीन और गुजरात की 245 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
रेलमार्ग की कुल लंबाई लगभग 357 किलोमीटर होगी.
निर्माण कार्य में 34 मुख्य ओवरब्रिज (Overbridge)
256 माइनर ब्रिज
56 रोड अंडरब्रिज (Underbridge) शामिल होंगे.
विशेषज्ञों के अनुसार, रेगिस्तानी इलाका अधिक होने से भूमि अधिग्रहण में बड़ी बाधाएं नहीं आएंगी, जिससे निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है.
रोजगार और आर्थिक लाभरेललाइन बनने से मरुस्थली क्षेत्रों के युवाओं के लिए रेलवे, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. इसके अलावा, क्षेत्र के कृषि उत्पादों, पत्थर उद्योग और स्थानीय उद्योगों को भी देश के बड़े बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी, जिससे क्षेत्र की आर्थिक सुदृढ़ता बढ़ेगी.
इस रेलमार्ग के चालू होने के बाद राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से का विकास तेज़ी से होगा, और यह क्षेत्र राजस्थान-गुजरात के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक गलियारा बन जाएगा.



