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Now Focus On Genome Sequencing Before COVID 19 Third Wave – Rajasthan: अब तीसरी लहर से पहले जीनोम सिक्वेंसिंग पर फोकस, एक और नमूने में मिला डेल्टा प्लस

देश के विभिन्न राज्यों सहित कुछ देशों में कोविड संक्रमण के अधिक मामलों के बाद अब राजस्थान में भी एहतियाति कदम उठाने शुरू किए गए हैं। इसके तहत चिकित्सा विभाग ने पॉजिटीव केसेज की जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी है।

By: santosh

Published: 12 Nov 2021, 10:45 AM IST

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। देश के विभिन्न राज्यों सहित कुछ देशों में कोविड संक्रमण के अधिक मामलों के बाद अब राजस्थान में भी एहतियाति कदम उठाने शुरू किए गए हैं। इसके तहत चिकित्सा विभाग ने पॉजिटीव केसेज की जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी है। इससे किसी भी नए वैरिएंट का समय पर पता लगाया जा सकेगा।

कोरोना के एक और नए वेरियंट डेल्टा प्लस की पुष्टि

पहली लहर में वुहान वायरस और दूसरी लहर में डेल्टा वेरियंट ने कहर बरपाया था। इन दोनों में डेल्टा वेरिएंट अधिक घातक रहा था। इस दौरान प्रदेश में अब तक 8954 लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरी लहर के बाद यह सामने आया था कि दूसरी बार वायरस डेल्टा वैरिएंट के रूप में सामने आया था। इससे समय रहते उपाय नहीं किए जा सके।

पिछले दिनों कोरोना के एक और नए वेरियंट डेल्टा प्लस की पुष्टि हुई है, इसके बाद अब सभी पॉजिटीव केसेज की जिनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है। चिकित्सा सचिव के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों के पॉजिटीव केस के सेम्पलों की जयपुर की एसएमएस मेडिकल कॉलेज स्थित लैब में जिनोम सिक्वेसिंग की जा रही है। ताकि नए वेरिंएंट के बारे में पता लग सके। अभी केस डेल्टा वेरिएंट के ही आ रहे हैं।

एसएमएस में एक करोड़ की लागत से लगाई गई है मशीन
वायरस के वेरियंट का पता लगाने के लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज में करीब 1 करोड़ रुपए की लागत से इसी साल जून माह में मशीन लगाई गई है। इससे पहले वेरिएंट की जांच के लिए सैंपल दिल्ली या पूना भेजे जाते थे।

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