Meghwal family of Barmer 12 members biggest body donation announced

Last Updated:March 28, 2025, 17:09 IST
जिले में देहदान एवं अंगदान को लेकर खासी जागरूकता आई है. उन्होंने बताया कि यह राजस्थान में पहला मौका है, जब इतनी तादाद में एक ही परिवार के लोगों ने देहदान का संकल्प लिया है. इससे मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों को म…और पढ़ेंX
एक ही परिवार के 12 सदस्यों ने किया देहदान
हाइलाइट्स
बाड़मेर के 12 सदस्यों ने देहदान की घोषणा की.सबसे बुजुर्ग 72 साल और सबसे युवा 28 साल के हैं.राजस्थान में पहली बार एक परिवार ने सामूहिक देहदान किया.
बाड़मेर:- कल तक जिस बाड़मेर में चिकित्सा सेवाओं को लेकर सवाल होते थे, उसी बाड़मेर की धरा पर शुक्रवार को एक परिवार के एक कदम ने नया इतिहास रच दिया है. बाड़मेर के छोटे से गांव के एक परिवार के 12 सदस्यों ने देहदान की घोषणा कर हर किसी को विस्मित कर दिया है. सभी 12 सदस्य बाड़मेर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक के पास सहमति पत्र सौंपने पहुंचे, तो उन्होंने भी सभी सदस्यों को बधाई दी.
देहदान की घोषणा करने वालो में सबसे बुजुर्ग 72 साल तो सबसे छोटे सदस्य की उम्र महज 28 साल है. सरहदी बाड़मेर जिले के धनाऊ पंचायत समिति के अमी मोहम्मद शाह की बस्ती के लुभावास गांव निवासी धोखलोनी व कानाणी परिवार ने देहदान की घोषणा की है. एक ही परिवार के 12 सदस्यों ने शुक्रवार को देहदान का संकल्प पत्र मेडिकल कॉलेज सम्बन्द्ध जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल मंसुरिया को सौंपा है.
इन सदस्यों ने किया देहदानदेहदान की घोषणा करने वालों में कमला देवी, गुड्डी देवी, वीरों देवी, शांति देवी, रुपों देवी, वीरों देवी, रतनाराम सेजू, व्याख्याता त्रिलोकाराम सेजू, अध्यापक डालूराम सेजू, शंकरलाल सेजू, मनमोहन सेजू, रायमल राम सेजू का नाम शामिल है. इसमें सबसे बुजुर्ग रतनाराम सेजू और वीरो देवी है, जो 72 साल के हैं. जबकि सबसे युवा गुड्डी देवी है, जो 28 साल की है. एक ही परिवार के 12 सदस्यों ने देहदान की घोषणा पर डॉक्टर बीएल मंसुरिया ने कहा कि इस तरीके के निर्णय वाकई स्वागत योग्य है.
पहली बार इतने लोगों ने किया देहदानडॉ. मंसुरिया के मुताबिक, बाड़मेर जिले में देहदान एवं अंगदान को लेकर खासी जागरूकता आई है. उन्होंने बताया कि यह राजस्थान में पहला मौका है, जब इतनी तादाद में एक ही परिवार के लोगों ने देहदान का संकल्प लिया है. इससे मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों को मानव शरीर संबंधित प्रायोगिक परीक्षण में मदद मिलेगी. देहदान की घोषणा करने वाले रतनाराम सेजू ने बताया कि उनका परिवार सामाजिक सुधार के कार्यों में तत्पर रहता है. कुछ समय पहले उन्होंने मृत्युभोज जैसी कुरीति पर अंकुश लगाने की पहल की थी. अब वे देहदान के लिए आगे आए हैं.
मानव सेवा के लिए किया देहदानउन्होंने कहा कि मृत्यु के उपरांत उनके शरीर मानव सेवा के लिए काम आए, इससे बड़ी क्या बात हो सकती है. वहीं देहदानी व्याख्याता त्रिलोकाराम सेजू ने Local 18 को बताया कि मृत्यु के उपरांत आमतौर पर अंतिम संस्कार के अलावा मानव शरीर की कोई उपयोगिता नहीं रहती है. हमारा परिवार काफी समय से सोच रहा था कि कुछ ऐसा कार्य किया, जो मानव सेवा के लिए काम आए. इसको लेकर हमने सामूहिक रूप से देहदान का संकल्प लेते हुए विधिवत घोषणा पत्र राजकीय चिकित्सालय प्रशासन को सौंपे हैं.
Location :
Barmer,Rajasthan
First Published :
March 28, 2025, 17:09 IST
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