सर्द मौसम में अलवरवासियों को भा रहे हिल स्टेशन, आप भी जरूर बनाएं यहां जाने का प्लान

पीयूष पाठक/अलवर. देश भर के पर्यटक सर्दियों की छुटिटयां मनाने अलवर के पर्यटन स्थल पर आ रहे हैं, वहीं अलवरवासियों को इन दिनों हिल स्टेशन खूब भा रहे हैं. अलवर जिले के बडी संख्या में लोग इन दिनों हिल स्टेशनों पर छुटिटयां मनाने जा रहे हैं. यही कारण है कि अलवर से हिल स्टेशनों की ओर जाने वाली टेनों में सीटें फुल चल रही हैं. ज्यादातर लोग शिमला, नैनीताल, मसूरी, मनाली सहित अन्य हिल स्टेशनों का रूख कर रहे हैं.
वैसे तो अलवर जिला अरावली की वादियों से घिरा है, लेकिन यहां के लोगों के लिए हिल स्टेशन खास रहते हैं. कारण है कि अलवर जिले में सर्दी तो खूब पडती है, लेकिन बर्फवारी जैसा नजारा देखने को नहीं मिलता. सर्द मौसम में बर्फवारी का आनंद लेने के लिए अलवरवासी शिमला, नैनीताल, मसूरी आदि हिल स्टेशनों पर जाना पसंद करते हैं.
हिमाचल में बर्फ की चादर तो मसूरी में घाटी की खूबसूरती है लुभाती
नए साल पर लोग मनाली जाना इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि इस समय यहां बर्फ की चादर रहती है. इसके चलते यहां बडी संख्या में पर्यटक बर्फवारी का आनंद लेने पहुंचते हैं. साथ ही यहां बनी अटल टनल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. लोग इस सुरंग के बाहर फोटो भी खिंचवाते हैं. इसके साथ ही बर्फ में पेरा ग्लाइडिंग, हाइकिंग, माउंटेन बाइकिंग जैसी गतिविधियां भी करने को मिलती है, इसके साथ ही यहां का माल रोड एक प्रसिद्ध जगह जहां पर घरेलू सजावट की वस्तुएं, पर्यटकों को हिमाचली टोपी, पशमीना शॉल व प्राचीन वस्तुएं एक ही जगह पर मिल जाती हैं.
पहाड़ों की रानी भी कहते है
मसूरी अलवर के लोगों की पसंद इसलिए बन रहा है क्योंकि इसे पहाडों की रानी भी कहा जाता है. यहां का बौद्ध मंदिर व मसूरी झील घूमने लायक स्थल हैं. साथ ही मसूरी में कई साहसिक खेल भी खेले जा सकते हैं. यहां का मौसम सुहावना रहता है. जिसके चलते मसूरी में साल भर पर्यटक आते हैं, देखा जाए तो मसूरी घूमने का सबसे अच्छा समय सितम्बर से जून तक माना जाता है.
रिवर राफ्टिंग के लिए ऋषिकेश पहली पसंद
ऋषिकेश योग नगरी के नाम से जानी जाती है, यहां कई प्राचीन मंदिर और आश्रम हैं.गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर गढ़वाल हिमालय का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. पर्यटकों को ऋषिकेश इसलिए पसंद आता है क्योंकि यहां साहसिक गतिविधियों के साथ ही रिवर राफ़्टिंग, बंजी जंपिंग, कैंपिंग, ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग जैसी गतिविधियां की जाती हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 27, 2023, 15:05 IST