37 साल से रोज 8 किलोमीटर पैदल चलकर पक्षियों को डालते हैं दाना, एक आवाज पर आ जाते हैं पक्षी

मनमोहन सेजू/ बाड़मेर. कहते हैं कि सेवा का शब्द जिसने अपने जीवन में अंगीकार कर दिया वह कभी अपने कदम नही रोकता है. आज हम बात कर रहे हैं भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर के 80 साल के एक बुजुर्ग की जो पिछले 37 साल से अपने घर से हर रोज 8 किलोमीटर पैदल चलकर पक्षियों और जानवरों को खाने और दाने-पानी का इंतजाम कर करते हैं.
37 साल से अनवरत सेवा जारी
आलम यह है कि वह घर-घर बची हुई रोटियां इकट्ठी करता है और गाय, बैल और श्वानों को खिलाते है. दर्जन भर से ज्यादा जगहों पर पंछियों के पानी के परिंडे भरते है. सरहदी बाड़मेर जिला मुख्यालय के ट्रक यूनियन में काम करने वाले गणेशाराम अपने घर गाँधी नगर से रोज सुबह 7 बजे निकलते है. करीबन 37 साल से बिना किसी स्वार्थ के हजारों पक्षियो को दाना पानी दे रहे हैं.
रोजाना चलते हैं आठ किलोमीटर
वह अपने घर से निकल कर ट्रक यूनियन आते हैं,यहां से वह पैदल चलकर रोजाना करीब 8 किलोमीटर चल कर कुशल वाटिका तक दर्जनों जगह पानी कुंड, पक्षी परिंडे भरते हैं. पक्षियों के लिए दाना पानी की भी साथ साथ व्यवस्था करते है. साल के 365 दिन ट्रक यूनियन से कुशल वाटिका तक हर रोज पैदल जाकर पंछियों को दाना पानी, गायों को चारा देते हैं.
अब आलम यह है कि जानवर भी उनके आने का इंतजार करते है. उनकी एक आवाज से सैकड़ों जानवर और पक्षी दौड़ते नजर आते है. बच्चों को चॉकलेट देकर उनके घरों से बचत की रोटी लाकर सभी जीवो तक पहुचाते है.
एक आवाज पर आ जाते हैं पक्षी
गांधी नगर निवासी गणेशाराम बताते है कि 80 साल की उम्र में वह रोजाना पशु व पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था कर रहे है. वह बताते है कि एक आवाज पर पशु और पक्षी उनकी ओर खिंचे चले आते है. वह बताते है कि वह रोजाना बच्चों को चॉकलेट देते है ताकि बच्चे अपने घर से बचत रोटियां लेकर आए और वह गायों को दे सके. इतना ही नही वह कई होटलों से भी बचत रोटियां एकत्रित कर गायों को खिलाते है और रोजाना पशुओं और पक्षियों के लिए पानी की खेली साफ कर पानी भरते है.
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FIRST PUBLISHED : August 27, 2023, 00:33 IST