आसमान में आया नया ‘मेहमान’, धरती के पास पहुंच रहा ATLAS, लोग बोले- भविष्यवाणी सच हो गई!

Agency:एजेंसियां
Last Updated:October 27, 2025, 15:37 IST
3I ATLAS: साल 2025 में खोजा गया इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट 3I/ATLAS धरती के पास से गुजरेगा. इसकी अनोखी बनावट और दिशा को लेकर वैज्ञानिक खासतौर पर इसपर नजर बनाए हुए हैं.
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धरती के पास से गुजरेगा ये पिंड.
साल 2025 में एक नई खगोलीय खोज ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों और आसमान देखने वालों का ध्यान खींच लिया है. इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट 3I/ATLAS नाम का एक रहस्यमयी पिंड बड़ी तेजी से पृथ्वी के करीब आ रहा है. इसकी चाल, बनावट और दिशा इतनी अलग है कि इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
कुछ लोग इसे सदियों पुरानी नॉस्ट्राडेमस की भविष्यवाणियों से जोड़ रहे हैं, तो कुछ इसे ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने का नया मौका मान रहे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि डरने की कोई जरूरत नहीं है. 3I/ATLAS धरती से काफी दूर से गुजरेगा और किसी तरह का खतरा नहीं पैदा करेगा. लेकिन इसकी एंट्री ने लोगों की दिलचस्पी जरूर बढ़ा दी है.
कहां से आया और कब दिखेगा 3I/ATLAS1 जुलाई 2025 को ATLAS सर्वे सिस्टम ने इस ऑब्जेक्ट को पहली बार देखा. ये हमारे सौरमंडल के अंदर का नहीं, बल्कि बाहर से आया मेहमान है. इससे पहले भी दो ऐसे इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट मिल चुके हैं– ʻOumuamua (2017) और 2I/Borisov (2019). लेकिन इस पिंड को लेकर वैज्ञानिक और ज्यादा उत्साहित हैं, क्योंकि इसकी दिशा और गति काफी अलग है.
NASA के मुताबिक, यह 29 अक्टूबर 2025 को सूरज के सबसे पास होगा. फिर दिसंबर 2025 के बीच यह धरती के सबसे नजदीक पहुंचेगा- करीब 16.8 करोड़ मील (लगभग 1.8 खगोलीय इकाई) की दूरी से. यानि इसे आप नंगी आंखों से नहीं देख पाएंगे, लेकिन टेलिस्कोप वाले खगोलविद इसे बारीकी से देखेंगे.
इसमें ऐसा क्या खास है?वैज्ञानिकों ने 3I/ATLAS में कई अनोखी बातें नोट की हैं. इसकी रौशनी और चमक में अजीब उतार-चढ़ाव हैं, जिससे लगता है कि इसकी बनावट सामान्य नहीं है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवी लोएब का कहना है कि यह ऑब्जेक्ट बेहद दिलचस्प है और इसे ध्यान से स्टडी करना जरूरी है, क्योंकि अब तक यह साफ नहीं है कि यह पूरी तरह प्राकृतिक है या किसी कृत्रिम कारण से बना है.
यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने बताया है कि इसमें एक “एंटी-टेल” नाम की चीज दिख रही है- यानी इसकी पूंछ रोशनी की उल्टी दिशा में बनती है. ऐसा बहुत ही कम होता है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने साफ कहा है कि यह पूरी तरह प्राकृतिक घटना है और इससे धरती को कोई खतरा नहीं है.
नॉस्ट्राडेमस की भविष्यवाणी से जोड़कर देख रहे लोगअब आते हैं उस हिस्से पर जो इस कहानी को और रोचक बना देता है. कुछ इतिहासकारों और भविष्यवाणी के शौकीन लोगों का दावा है कि नॉस्ट्राडेमस ने सैकड़ों साल पहले ऐसी ही किसी “आग के गोले” की बात अपनी भविष्यवाणियों में की थी.
उनकी एक प्रसिद्ध पंक्ति में लिखा है- “आकाश से उठेगा अग्नि गोला, किस्मत का संदेश लेकर. विज्ञान और भाग्य नाचेंगे साथ, पृथ्वी को मिलेगा दूसरा मौका.” अब ये बात सीधे तौर पर 3I/ATLAS से जुड़ी है या नहीं, इसका कोई सबूत नहीं है. लेकिन सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की थ्योरी बना रहे हैं- कोई कह रहा है कि “नॉस्ट्राडेमस सही साबित हो रहे हैं”, तो कोई इसे “कॉस्मिक इशारा” बता रहा है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 27, 2025, 15:31 IST
आसमान का ‘मेहमान’ धरती के पास पहुंचने वाला है, नॉस्ट्राडेमस की भविष्यवाणी सच?



