operation was done on a patient roaming around with two heads – News18 हिंदी

कृष्ण कुमार गौड़/जोधपुर: राजस्थान में जोधपुर में एक 39 साल के युवक सिर पर बनी गांठ का जटिल ऑपरेशन किया गया है. बता दें कि ये ऑपरेशन मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में हुआ है. मरीज के गर्दन पर सिर के बराबर15 सालों से गांठ बन गई थी. दूसर से देखने पर वह दो सिर वाला आदमी नजर आता था. बड़ी बात ये है कि ये गांठ लगातार बढ़ रही थी. जिसके चलते शरीर के कई हिस्से खराब हो रहे थे.दरसल हुआ यूं की मथुरादास माथुर अस्पताल के सर्जिकल आउटडोर में 4 सह आचार्य एवं यूनिट प्रभारी डॉ. दिनेश दत्त शर्मा के पास 39 वर्षीय युवक आया था जिसके पिछले 15 सालों से सिर के पीछे एक पूरे सिर के बराबर साइज की गांठ थी. जांच में पता लगा कि शुरूआत में यह गांठ छोटी थी पर धीरे धीरे इस गांठ ने सिर के बराबर पीछे की ओर एक सिर जितना आकार ले लिया था.
इस सिर के आकार की गांठ की साइज लगभग 20×15 ×15 सेंटीमीटर थी. जैसे-जैसे इस गांठ का आकार बढ़ा मरीज गर्दन में दर्द और हाथों में सूनापन की शिकायत से भी पीड़ित रहने लगा, मरीज को चलने में भी दिक्कत होती थी,मरीज को नींद लेने में भी समस्या रहती थी. गांठ की वजह से शारीरिक विकृति होने पर भी मरीज परेशान एवं अवसाद में रहता था. शुरुआत में मरीज झाड़ फुंक एवं भोपौ के चक्कर में काफी समय लगाने के बाद में जब मरीज को राहत नहीं मिली तो एहसास हुआ कि अब डॉक्टर के पास ही चलना चाहिए तब वह एमडीएम के सर्जिकल आउटडोर में आया.
धीरे-धीरे इतना बड़ा हो गया था ट्यूमर
डॉ. दिनेशदत्त शर्मा ने बताया कि मरीज की जांच करने पर पता लगा कि मरीज के गरदन के पीछे एक विशेष प्रकार का ट्यूमर जिसे मिजेन्काईमल ट्यूमर कहा जाता है. यह ट्यूमर धीरे-धीरे इतना बड़ा हो गया था कि इसने स्कल (खोपड़ी) की आउटर टेबल को भी नष्ट करना शुरू कर दिया था और इनर टेबल तक पहुंच चुका था. दबाव की वजह से इस गांठ ने ओसिपिटल बोन को भी 4 सेंटीमीटर तक नष्ट कर दिया था.इस प्रकार का ऑपरेशन काफी चैलेंजिंग था, क्योंकि ब्लड सप्लाई अत्यधिक होती है साथ ही इस प्रकार की गांठ दिमाग से भी चिपक जाती है जिससे अलग करना काफी मुश्किल होता है.
अब मरीज खतरे से बाहर है
ऑपरेशन करने वाली टीम में युनिट प्रभारी डॉ.दिनेश दत्त शर्मा के साथ डॉ.अंशुल,डॉ.राकेश एवं बेहोशी की टीम में डॉ.गीता सिंगारिया के साथ डॉ.गायत्री तंवर,डॉ.दिनेश,डॉ.आभास इत्यादि थे तथा नर्सिंग टीम में वरुण विकास के साथ रेखा पंवार,समेर सिंह राजपुरोहित एवं वीरेंद्र पुरी का योगदान रहा. अब युवक पूर्ण रूप से स्वस्थ है और मरीज को गरदन में दर्द तथा हाथों में सूनापन में भी राहत मिली है साथ ही वह आराम से सो पा रहा एवं चल पा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : February 28, 2024, 10:15 IST