गहलोत सरकार में महिलाओं-बच्चों के प्रति डेढ़ लाख से ज्यादा मामले, बीजेपी ने महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग से की संज्ञान की मांग
जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार के 4 साल के शासन में महिला और बच्चियों के प्रति दुष्कर्म, गैंगरेप, अपहरण, तस्करी और शोषण के डेढ़ लाख से ज्यादा मामले सामने आने के बाद प्रदेश भाजपा अब इस मामले गहलोत सरकार के खिलाफ हमलावर हो गई है। साथ ही इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से भी संज्ञान लेने की मांग की है।
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखा है और कहा कि राजस्थान में महिलाओं, बच्चों के प्रति निरंतर दुष्कर्म, गैंगरेप, अपहरण और तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को लिखे पत्र में सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार के 4 साल के शासन का हवाला देते हुए लिखा कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में अब तक 8 लाख 61 हजार से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं जिनमें से 1 लाख 55 हजार से अधिक मामले महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित हैं।
इन मामलों में 25,000 से अधिक मामले दुष्कर्म और गैंगरेप से जुड़े हैं। पूनिया ने अपने पत्र में लिखा कि प्रदेश के भीलवाड़ा जिले में स्टांप पेपर पर लड़कियों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है जिस पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। वहीं प्रदेश के डूंगरपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर जिलों में किशोरियों को जबरन वेश्यावृत्ति में धकेलने और तस्करी के मामले भी सामने आए हैं।
सतीश पूनिया ने राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को लिखे पत्र में कहा कि राजधानी जयपुर में मई 2021 में एंबुलेंस में महिला से बलात्कार, भरतपुर में जनवरी 2022 में किशोरी से गैंगरेप के पश्चात ब्लैकमेल करने पर किशोरी द्वारा आत्मदाह करने का मामला सामने आया है। जनवरी 2022 में नाबालिग से गैंगरेप का मामला, अक्टूबर 2022 में बांसवाड़ा में किशोरी से बलात्कार के बाद हत्या कर शव को जंगल में फेंकने का मामला सामने आया है।
बूंदी में भी दिसंबर 2021 में किशोरी की हत्या करने का मामला, जनवरी 2022 में बांसवाड़ा जिले में मानसिक विमंदित महिला से गैंगरेप और अप्रैल 2022 में दौसा में महिला का गैंगरेप का हत्या कर शव को कुएं में फेंकने का मामला प्रकाश में आया है। ऐसे हालात से प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा बड़ी चुनौती बन गया है। सतीश पूनिया ने अपने पत्र में लिखा कि इन घटनाओं से देश में राजस्थान की छवि धूमिल हुई है राजस्थान जैसे शांत प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते आपराधिक मामले बेहद भयावह और निंदनीय है।
गहलोत सरकार की संवेदनहीनता और लचर कानून व्यवस्था के कारण इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। इसलिए गहलोत राज में उन घटनाओं का संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि गहलोत सरकार के 4 साल के शासन को कुशासन बताते हुए भाजपा की ओर से एक आरोप पत्र भी जारी किया गया था जिसमें बिगड़ती कानून व्यवस्था, सांप्रदायिक दंगों और महिलाओं- बच्चियों के प्रति बढ़ते अपराधों को को प्रमुखता से शामिल किया गया था।
वीडियो देखेंः- बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में भाजपा का प्रदर्शन