Nothing Is More Important Than Healthy Lungs – world copd day: स्वस्थ फेफड़ों से महत्वपूर्ण कुछ नहीं

world copd day:
आज है वर्ल्ड सीओपीडी डे
फेफड़ों संबंधित बीमारियों से किया जाता है जागरूक

world copd day:
आज है वर्ल्ड सीओपीडी डे यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज डे हैं। इस साल की थीम है ‘स्वस्थ फेफड़े – इससे अधिक कुछ महत्वपूर्ण नहीं‘ है। हर साल यह दिन पल्मोनरी डिजीज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। अब जबकि कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है, ऐसे में फेफड़ों की बीमारियों से दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक होना ज्यादा जरूरी हो जाता है। इस बारे में डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि यह अब लोगों को समझ आने लगा है कि फेफड़ों का संक्रमण जानलेवा होता है। इससे पहले कि फेफड़े आपकी जान लें, इनकी देखभाल जरूरी है। क्योंकि एक शोध के मुताबिक भारत में सीओपीडी से हर दिन करीब 2300 मौतें होती हैं। सीओपीडी से मौतों में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। इनमें बड़ा कारण धुम्रपान करने को माना जाता है, वहीं अब प्रदूषण भी इसका बड़ा कारण बन गया है।
सर्वाधिक मौतें
सीओपीडी के कारण होने वाली मौतों की संख्या एड्स, टीबी, मलेरिया और मधुमेह से होने वाली कुल मौतों से भी अधिक है। सीओपीडी की जांच में विलंब और अपर्याप्त उपचार के कारण स्थिति खराब होती जा रही है और रोगी को लंग अटैक हो रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि लगातार बढ़ता प्रदूषण और सिगरेट का बढ़ता चलन सीओपीडी के मरीजों की संख्या को बढ़ा रहा है। भारत में हर साल करीब 9 लाख लोगों की मौत सीओपीडी से हो जाती है। यदि राजस्थान की बात करें तो प्रति एक लाख लोगों में से 111 लोगों की सीओपीडी से मौत हो रही है।
यह हैं लक्षण
ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से कम होना, डॉक्टर की ओर से शारीरिक जांच के परिणाम, सांस लेने में कष्ट होना और तेजी से उथली सांस लेना सीओपीडी के लक्षण हैं। इस कारण लंग अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। लंग अटैक के संकेतों और लक्षणों को पहचानना और डॉक्टर से सही समय पर मदद लेना इस रोग को बढऩे से रोकने का सही तरीका है। लंग अटैक में तुरंत चिकित्सकीय सहायता चाहिए होती है और यदि उपचार न हो तो मृत्यु भी हो सकती है।