राजू श्रीवास्तव: ‘हां राजू, हंसाना सचमुच बहुत मुश्किल काम है’ | – News in Hindi

फिल्म में क्या होता है. कुछ कैरेक्टर्स, कुछ घटनाएं और एक कहानी. जिसे निर्देशक अपने अंदाज में कहता है. फिल्म को प्रभावी या हिट बनाने में कहानी और संवादों का बड़ा योग होता है. कहानी में ट्विस्ट हैं, संवाद रोचक और चुटीले हैं तो फिल्म चलेगी. लेकिन इसमें भी पेंच है संवादों का रोचक और चुटीलापन तभी काम का है जब उसकी अदायगी जबरदस्त हो, ये तभी संभव है जब कलाकार मंजा हुआ हो. फिल्म को सफल बनाने में अनेक दिमाग लगते हैं, लेखक-निर्देशक और कलाकार की इसमें मुख्य भूमिका होती है. ये मिलकर फिल्म को बनाते और हिट कराते हैं.
दूसरी तरफ ‘स्टैण्ड अप कॉमेडी’ को देखिए एक ही आदमी है उसी की स्क्रिप्ट है, उसी का अभिनय है और उसी की अदायगी है. यानि शो को हिट बनाने का पूरी जिम्मेदारी महज एक कंधे पर. वैसे आजकल स्टैण्ड अप कामेडी की स्क्रिप्ट भी लिखी जाने लगी है. लेकिन हम शुरुआती दौर की बात कर रहे हैं, तब कम लिखवाई जाती थी और सब लिखवाते भी नहीं थे. हम जिस कॉमेडियन की बात कर रहे हैं उसकी स्क्रिप्ट लिखी हुई स्क्रिप्ट नहीं नजर आती. वो कॉमेडियन हैं – राजू श्रीवास्तव, वन एण्ड ओनली राजू श्रीवास्तव.
लड़की की शादी हो चुकी है बिदाई हो रही है. इतने गमग़ीन माहौल में किसी को मजाक कैसे सूझ सकता है. लेकिन राजू को वन एण्ड ओनली वन कॉमेडियन यूं ही नहीं कहा जाता. बेटी को बिदा कर रही रूआंसी मां और दामाद की बातों में कॉमेडी के पंच ढूंढना आसान नहीं होता, राजू इसे सहज अंजाम देते हैं. इस दौरान उनकी बातें तो दर्शकों को अपने आगोश में लेकर उन्हें हंसाती ही हैं, उनके चेहरे के भाव और उनका कमाल का अभिनय दर्शकों को अलग ही दुनिया में ले जाता है. उनकी यही विशेषता उन्हें कामेडियन की भीड़ से अलग करती है और ऊंचे पायदान पर ले जाकर खड़ा कर देता है. सिर्फ ‘बेटी की शादी’ शीर्षक वाले इसी एक वीडियो में वो जब बाप का केरेक्टर अदा करते हैं तो उनके अभिनय कायल होना पड़ता है. बेटे का तीसरा कैरेक्टर निभाते हुए नहीं लगता कि तीनों चरित्र एक ही कलाकार अदा कर रहा है. वर्सटाईल एक्टिंग शायद इसे ही कहते हैं.
बाढ़ में डूबे गांव की महिला, चैनल के न्यूज रिपोर्टर को बता रही है ‘ऐसा है हमारा जो सामान खोया था, वो तो मिल गया है. हमरे मरद नहीं मिल रहे हैं.’ ‘अच्छा उनका हुलिया बताइए, दिखने में कैसे थे ?’ ‘दिखने में तो रहे एकदम हीरो, लंबाई एकदम छह फुट दो इंच, लंबे चौड़े, चौड़ी छाती, घुंगराले बाल…’ पास खड़ी सहेली टोंकती है ‘ए भौजी झूठ क्यों बोलती है, तेरा मरद तो गुटका और टकला बुड्ढा है ना.’ ‘चुप, वो रहने दो न, अभी टीवी वाले ढूंढेंगे न तो अच्छा ढूंढेंगे.’ संवाद में तो मज़ा आ ही रहा होगा, इस स्किट में राजू का अभिनय देखकर भी आपका दिल खुश हो जाने वाला है. राजू की लगभग हर वीडियोज़ ऐसा कमाल करते हैं.
‘शोले’ के बिना राजू की कॉमेडी की बात अधूरी रहती है. ब्लॉक बस्टर ‘शोले’ की ये खासियत रही है कि इस फिल्म में जिसने भी अभिनय किया है दर्शकों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है. इसमें उनके अभिनय का योगदान तो है ही, शोले के केरेक्टराईज़ेशन का भी बड़ा हाथ है. ‘शोले’ से जुड़े हुए हर छोटे-बड़े लोग पापुलर हुए हैं. लेकिन राजू ऐसे हैं जो शोले का पार्ट नहीं होने के बावजूद शोले का पार्ट बन गए हैं. राजू श्रीवास्तव की सफलता में शोले का बहुत योगदान है. ये शोले की जादूगरी तो है ही, इसमें राजू का कमाल भी कम नहीं है. शोले और गब्बर पर कामेडी और मिमिक्री तो दूसरों ने भी की लेकिन याद सिर्फ राजू ही रहते हैं.
गब्बर, साम्भा, कालिया, जय, वीरू और ठाकुर को राजू ने अलग ही रूप में दर्शकों को परोसा है. और तो और उसने हेलन ‘भौजी’ को भी नहीं छोड़ा. गब्बर और साम्भा तथा कालिया के संवाद जितने फिल्म में लुभाते हैं उतने ही राजू की स्क्रिप्ट में गुदगुदाते हैं. धर्मेन्द्र, अमिताभ, संजीव और हेमा के चरित्रों का गहन आब्जर्वेशन भी राजू की कामेडी में दिखाई देता है. राजू की लोकप्रियता में उनके आब्जर्वेशन का बड़ा हाथ है. नकल करने के लिए बारीकी से अवलोकन जरूरी होता है.
शोले के अमिताभ उनके सबसे प्रिय पात्र थे – स्टुडेंट के ज़माने से. उन्होंने सबसे पहले मिमिक्री के लिए अमिताभ बच्चन को ही चुना. इसी के सहारे मुंबई की आर्केस्ट्रा में अपने लिए काम तलाशा. बाद में अपने काम में वैरायटी लाए और दूसरी सेलिब्रिटीज़ को टारगेट किया.
उनको असली सफलता ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज से मिली. इस शो में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और लोकप्रियता के चरम पर पहुंच गए. टीवी पर चलने वाला ये शो तब बच्चे-बूढ़े और जवान सभी पसंद करते थे. शो में राजू सभी का चहेता और प्यारा था.
राजू की लालू प्रसाद के ऊपर की गई कॉमेडी भी खूब पसंद की गई. मजे की बात ये है कि खुद लालू जी की शाबासी भी उन्हें मिली. उन्होंने अनेक फिल्मों और टीवी शोज़ में काम किया. जिनमें बाजीगर, तेजाब, मैंने प्यार किया, आमदनी अठन्नी खर्चा रूपैया, बिग ब्रदर, बाम्बे टू गोवा, मैं हूं प्रेम दीवानी और टॉयलेट एक प्रेमकथा उल्लेखनीय हैं. बिग बॉस 3 में भी राजू ने शिरकत की है और अपने प्रदर्शन से घरवालों के साथ-साथ दर्शकों को भी गुदगुदाया. उन्होंने कल्याणजी आनंदजी, बप्पी लाहिरी और जॉनी लीवर के ट्रूप में शो भी किए.
उनके चुटकुले भी अलग तरह के और मजे के होते हैं. एक चुटकुल में थानेदार पहले तो अपनी बीवी को बीवी होने का सबूत लाने को कहता है. फिर वरमाला के फिंगर प्रिंट मिलाने की बात करता है और अंत में बीवी से ही रिश्वत मांगने लगता है.
चुटकुले हों या स्टोरी वो क्लाईमेक्स पर जबरदस्त काम करते हैं. क्लाईमेक्स में पंच भी जबरदस्त ही होता है. टी सीरीज़ ने उनके चुटकुलों का आडियो कैसेट भी जारी किया था. हंसते-हंसाते भी वो बड़े मार्के की बातें कर जाते हैं. राजू एक इंटरव्यू में कहते हैं ‘मैं हंसाने के लिए कुछ भी करूंगा.’ राजू सच कहते हैं हंसाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है,सब कुछ. ‘हां राजू, हंसाना सचमुच बहुत मुश्किल काम है’

शकील खानफिल्म और कला समीक्षक
फिल्म और कला समीक्षक तथा स्वतंत्र पत्रकार हैं. लेखक और निर्देशक हैं. एक फीचर फिल्म लिखी है. एक सीरियल सहित अनेक डाक्युमेंट्री और टेलीफिल्म्स लिखी और निर्देशित की हैं.
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