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लू और हीट वेव से ऐसे करें बचाव, गर्मी में ये सावधानियां जरूर बरतें, जिला कलेक्टर जारी किए निर्देश

Last Updated:April 22, 2025, 18:18 IST

अलवर में बढ़ती गर्मी के कारण प्रशासन ने सावधानी बरतने की सलाह दी है. जिला कलेक्टर किशोर कुमार ने अस्पतालों में लू-तापघात के रोगियों के लिए विशेष व्यवस्था के निर्देश दिए हैं.X
लू
लू व तापघात से बचाव हेतु गाइडलाइन

हाइलाइट्स

जिला कलेक्टर ने लू-तापघात से बचाव हेतु निर्देश दिए.अस्पतालों में लू-तापघात के रोगियों के लिए व्यवस्था सुनिश्चित.आमजन से धूप में न निकलने की अपील की गई.

Alwar News: जिले में बढ़ती गर्मी को लेकर प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा है. प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों से बचें, रेल बस आदि की यात्रा अत्यावश्यक होने पर ही करें. बिना भोजन किए बाहर न निकलें. भोजन करके और पानी पी कर ही बाहर निकलें. सड़े-गले फल व बासी सब्जियों का उपयोग हरगिज ना करें. गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही धूप में निकलें. रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें. गर्मी मे हमेशा पानी एवं पेय पदार्थो जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करते रहें.

खैरथल-तिजारा जिला कलेक्टर किशोर कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी अस्पतालों में लू-तापघात के रोगियों के लिए गाइडलाइन अनुसार बैड आरक्षित रखते हुए वहां कूलर व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओरआरएस, ड्रिपसेट, फ्लूड एवं आवश्यक दवाईयां रखने के निर्देश दिए हैं. जिला प्रशासन ने आमजन के लिए जारी अपील में कहा है कि जहां तक संभव हो धूप में न निकलें. निकलें तो शरीर पूर्ण तरह से ढका हो. सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें. लू तापघात से प्रायः कुपोषित बच्चे, बीमार, वृद्व, गर्भवती महिलाऐं और श्रमिक आदि शीध्र प्रभावित हो सकते हैं. इन्हे प्रात: 10 बजे से सांय 6 बजें तक तेज गर्मी से बचाने के लिए छायादार ठंडे स्थान पर रहने का प्रयास करें. लू के लक्षण प्रतीत होने पर तुरंत प्राथमिक उपचार करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं.

लू-तापघात से बचाव के लिए ये सावधानियां बरतेंसीएमएचओ डॉ. अरविंद गेट के अनुसार शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात निम्नांकित लक्षणों के द्वारा प्रभावी होता है. उन्होंने कहा सिर का भारीपन व सिरदर्द, अधिक प्यास लगाना व शरीर में भारीपन के साथ थकावट. जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना (105 एफ या अधिक). पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना. अत्यधिक प्यास का लगना, बेहोशी जैसी स्थिति का होना.

क्या है लू तापघातचिकित्सकीय दृष्टि से लू तापघात के लक्षण लवण व पानी की आवश्यकता व अनुपात विकृति के कारण होती है. मस्तिष्क का एक केंद्र जो मानव के तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है. लाल रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिनियों में टूट जाती हैं व कोशिकाओं में जो पोटेशियम लवण होता है वह रक्त संचार में आ जाता है जिससे ह्रदय गति, शरीर के अन्य अंग व अवयव प्रभावित होकर लू तापघात के रोगी को मौत के मुंह में धकेल देते हैं.

ऐसे करें प्राथमिक उपचारलू तापघात से प्रभावित रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जावे एवं हवा करें. व्यक्ति को तुरंत ठंडा पानी, ओआरएस, नींबू पानी, नारियल पानी, कच्चे आम का पना जैसे पेय पदार्थ पिलाएं. पानी व बर्फ से शरीर को ठंडा करने का प्रयास करें फिर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं.

Location :

Alwar,Alwar,Rajasthan

First Published :

April 22, 2025, 18:18 IST

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