Taliban Rejects Offer Of Power Participation, President Ashraf Ghani May Resign

अमरीकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने अफगान राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी के इस्तीफे की खबर को गलत बताया है।अफगान प्रकाशन खामा प्रेस ने पेंटागन के अधिकारियों के हवाले से कहा कि ‘यह खबर बिल्कुल गलत’ है।
नई दिल्ली। अमरीकी सैनिकों की वापसी के साथ ही अफगानिस्तान में लगातार तालिबान का कब्जा बढ़ता ही जा रहा है। अब राजधानी काबुल पर कब्जा करने के लिए तेज गति के साथ तालिबान आगे बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि तालिबान काबुल से महज 90 किलोमीटर दूर है।
तालिबान के साथ चल रहे संघर्ष के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी के इस्तीफे की खबरों ने सबको चौंका दिया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति गनी ने तालिबान के बढ़ते वर्चस्व और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मदद नहीं मिलने के बाद से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, पाकिस्तान भी अशरफ गनी के पद से हटाए जाने का समर्थन कर रहा है।
यह भी पढ़ें :- अफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी पर जताई चिंता, कहा- छह माह के अंदर होगा तालिबान का कब्जा
हालांकि, अमरीका ने फिलहाल, इन कयासों पर विराम लगा दिया है और कहा कि राष्ट्रपति गनी ने इस्तीफा नहीं दिया है। अमरीकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने पुष्टि करते हुए कहा कि अफगान राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी के इस्तीफे की खबर गलत है। अफगान प्रकाशन खामा प्रेस ने पेंटागन के अधिकारियों के हवाले से कहा कि ‘यह खबर बिल्कुल गलत’ है।
सूत्रों ने बताया है कि गनी इस्तीफा नहीं देंगे। राष्ट्रपति गनी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर एक अहम बैठक की, जिसमें तालिबान से मजबूती से लड़ने का फैसला लिया गया। बता दें कि अशरफ गनी लंबे समय से तालिबान के खिलाफ लड़ते रहे हैं और तालिबानियों को भगाने की रणनीति तैयार करते रहे हैं।
तालिबान ने ठुकराया सत्ता में भागीदारी का ऑफर
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि लगातार सत्ता पर कमजोर होती जा रही पकड़ को देखते हुए अफगान सकार ने बीते दिन तालिबान को सत्ता में भागीदारी का ऑफर दिया। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार ने हिंसा रोकने के लिए मध्यस्थता कर रहे कतर को यह प्रस्ताव भेजा है। लेकिन तालिबान ने सरकार के इस फैसले को ठुकारा दिया है। तालिबान ने स्पष्ट किया है कि वह पूरे तालिबान में कब्जा चाहता है। जब तक पूरे अफगानिस्तान में कब्जा नहीं हो जाता और अशरफ गनी को सत्ता से बाहर नहीं कर देते तबतक यह संघर्ष जारी रहेगा।
बीते कुछ दिनों में 12 प्रांतों पर हो चुका है तालिबान का कब्जा
आपको बता दें कि अमरीकी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबान हिंसक होकर लगातार एक के बाद एक प्रांतों पर कब्जा जमाता जा रहा है। अफगानिस्तान के 35 प्रांतों में से अब तक 12 प्रमुख प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा जमा चुका है। इनमें अफगान के कंधार, गजनी, हेरात, ज़ाबुल, हेलमंद जैसे प्रमुख प्रांत शामिल हैं। अब तालिबान की नजर राष्ट्रीय राजधानी काबुल पर है।
यह भी पढ़ें :- अफगानिस्तान में आतंकी हमलों की साजिश में जुटा चीन-पाकिस्तान! हिरासत में 10 चीनी जासूस
अमरीका के अनुसार, अगले दो-तीन महीनों में काबुल पर तालिबान का कब्जा कर लेगा। ऐसे में जब अमरीका कुछ सप्ताह बाद अपने आखिरी सैनिकों को वापस बुलाने वाला है तब तक तालिबान ने देश के दो-तिहाई से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि चीन और पाकिस्तान तालिबान को मान्याता दे सकते हैं।