Tanzania Elections Violence: तंजानिया में चुनाव के बाद पूरे देश में भड़की हिंसा, 700 लोगों के मारे जाने का दावा, आखिर क्यों बिगड़े हालात?

Last Updated:October 31, 2025, 23:28 IST
Tanzania Elections Violence: तंजानिया में चुनाव के बाद हिंसा भड़की, चाडेमा पार्टी ने 700 मौतों का दावा किया. राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन 97% वोटों से आगे, विपक्षी उम्मीदवारों को बाहर किया गया.
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तंजानिया में चुनाव के बाद हालात और बिगड़ गए हैं. (रॉयटर्स)
दार एस सलाम. तंजानिया में इस हफ़्ते आम चुनाव के बाद पूरे देश में हिंसक झड़पें हुईं. इसमें मौजूदा राष्ट्रपति के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया. विपक्ष ने सनसनीखेज दावा किया है कि इस अशांति और हिंसा की वजह से लगभग 700 लोग मारे गए हैं. तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन, जो दूसरा कार्यकाल चाहती हैं, के चुनाव में आसानी से जीतने की उम्मीद है. चुनाव 29 अक्टूबर को हुए थे. यह उम्मीद चुनाव अधिकारियों के दो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टियों के उम्मीदवारों को बाहर करने के फैसले के बाद है. देश के 272 निर्वाचन क्षेत्रों में से 120 के नतीजों से पता चलता है कि तंजानिया की पहली महिला नेता लगभग 97% वोटों के साथ आगे चल रही हैं.
मुख्य विपक्षी चाडेमा पार्टी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच बढ़ती झड़पों में लगभग 700 लोग मारे गए हैं. न्यूज़ एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार, चाडेमा पार्टी के विदेश मामलों के निदेशक जॉन किटोका ने कहा, “घायलों की संख्या हजारों में है.” किटोका ने आगे कहा, “हमारे कई समर्थकों को पूरे देश में पकड़ा जा रहा है और गिरफ्तार किया जा रहा है.”
पूर्वी अफ्रीकी देश में सुरक्षा बलों ने 29 अक्टूबर को शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई शुरू कर दी है और पूरे देश में जवानों को तैनात किया है. 31 अक्टूबर को भी कमर्शियल कैपिटल, दार एस सलाम की सड़कों पर बख्तरबंद गाड़ियां गश्त कर रही हैं. इसके अलावा, इंटरनेट एक्सेस अभी भी बंद है, जिसे चुनाव वाले दिन ही बंद कर दिया गया था. तंजानिया के आर्मी चीफ ने कहा है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान आपराधिक घटनाएं हुई हैं, जिसमें प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया है.
तंजानिया पीपल्स डिफेंस फोर्स के चीफ जैकब मुकुंडा ने गुरुवार रात तंजानिया ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प पर एक टीवी भाषण में कहा, “यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हम इसे जारी नहीं रहने दे सकते.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें
First Published :
October 31, 2025, 23:23 IST
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तंजानिया में चुनाव के बाद पूरे देश में हिंसा, 700 लोगों के मारे जाने का दावा



