corona | इम्यूनिटी सिस्टम से इस तरह हार रहा कोरोना

कोविड-19 की तीसरी लहर
जयपुर
Published: February 03, 2022 07:51:35 pm
जयपुर. कोविड-19 की तीसरी लहर में इस बार वायरस की कम घातकता के तीन बड़े कारण सामने आए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इम्यूनिटी सिस्टम को दो बार चकमा देना वायरस के लिए संभव नहीं होता। ऐसे में तीसरी लहर में यह स्वत: ही कम घातक हो गया है। इसके अलावा अधिसंख्य आबादी को पहली और 70 से 80 प्रतिशत को दोनों डोज का सुरक्षा चक्र भी इसका मुख्य कारण रहा।
गौरतलब है कि तीसरी लहर के चलते रोजाना दो लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। लेकिन दूसरी लहर के समय डेल्टा लहर के मुकाबले इस बार हॉस्पिटलाइजेशन और मौत के मामले बहुत कम सामने आए हैं। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ.रमन शर्मा के अनुसार कम उम्र के लोग, वैक्सीनेशन सहित कोविड की पिछली लहरों से बनी इम्यूनिटी इस बार कम घातकता का मुख्य कारण है। यही कारण रहा कि इस बार वायरस इम्यूनिटी सिस्टम को चकमा नहीं दे पाया। सितंबर 2020 और नवंबर 2021 की तुलना में सामने आया कि पहली और दूसरी लहर में हॉस्पिटलाइजेशन अत्यधिक रहा। वहीं, तीसरी लहर में यह न्यूनतम पर आ गया। राजस्थान की बात करें तो यहां 90 हजार से अधिक एक्टिव केस पर भी भर्ती मरीजों की संख्या हजार के आस पास ही रही। हफ्ते इंतजार करना अच्छा है, लेकिन इम्यून सिस्टम को दो बार चकमा देना वायरस के लिए आसान काम नहीं है।

इस बार हॉस्पिटलाइजेशन और मौत के मामले कम
गौरतलब है कि तीसरी लहर के चलते रोजाना दो लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। लेकिन दूसरी लहर के समय डेल्टा लहर के मुकाबले इस बार हॉस्पिटलाइजेशन और मौत के मामले बहुत कम सामने आए हैं। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ.रमन शर्मा के अनुसार कम उम्र के लोग, वैक्सीनेशन सहित कोविड की पिछली लहरों से बनी इम्यूनिटी इस बार कम घातकता का मुख्य कारण है। यही कारण रहा कि इस बार वायरस इम्यूनिटी सिस्टम को चकमा नहीं दे पाया। सितंबर 2020 और नवंबर 2021 की तुलना में सामने आया कि पहली और दूसरी लहर में हॉस्पिटलाइजेशन अत्यधिक रहा। वहीं, तीसरी लहर में यह न्यूनतम पर आ गया। राजस्थान की बात करें तो यहां 90 हजार से अधिक एक्टिव केस पर भी भर्ती मरीजों की संख्या हजार के आस पास ही रही। हफ्ते इंतजार करना अच्छा है, लेकिन इम्यून सिस्टम को दो बार चकमा देना वायरस के लिए आसान काम नहीं है।
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