Rajasthan

Tata Family: टाटा खानदान के नामों को पढ़कर आ जाएंगे चक्‍कर, जानें कितने ‘रतन’, कितने ‘जमशेद’

Tata Family, General Knowledge: अगर आप टाटा परिवार का इतिहास पढ़ने बैठेंगे, तो इन नामों की वजह से आपको यह समझना भी मुश्किल हो जाएगा कि बात किस टाटा की हो रही है. कई बार तो इन नामों को देखकर आपका सिर चकराने लगेगा. हैरानगी भरी एक बात और बता दें कि जिस नाम से टाटा समूह की गिनती शुरू हुई थी, आज उसकी सबसे यंग पीढ़ी का वही नाम रख दिया गया है. आइए समझते हैं कैसे…

जब भी टाटा परिवार का जिक्र आता है, तो सबसे पहला नाम आता है नुसीरवानजी टाटा का. नुसीरवानजी टाटा का जन्म 1822 में हुआ था. उनका निधन 1886 में हुआ. उनकी पत्नी का नाम जीवनबाई कावसजी टाटा था. नुसीरवानजी टाटा को ही टाटा परिवार का संस्थापक माना जाता है. उन्हें टाटा परिवार के पितामह का दर्जा दिया गया है. जमशेदजी टाटा नुसीरवानजी टाटा के ही पुत्र थे. 1839 में जन्‍में जमशेदजी टाटा ने टाटा स्टील से लेकर ताज होटल समेत कई उद्योगों की नींव रखी, इसलिए इन्हें टाटा समूह का संस्थापक कहा जाता है.

और उस समय भी थे एक रतन टाटाजमशेदजी टाटा का विवाह हीराबाई डाबू से हुआ था. जमशेदजी टाटा के बेटों में सबसे बड़े बेटे का नाम दोराबजी टाटा था. उनका जन्म 1839 में हुआ और उनकी मृत्यु 1932 में हुई. जमशेदजी के छोटे बेटे रतनजी टाटा थे. रतनजी टाटा का जन्म 1871 में हुआ. इस तरह से टाटा परिवार में उस समय भी एक व्यक्ति का नाम रतन टाटा हुआ करता था. जमशेदजी के सबसे बड़े बेटे दोराबजी टाटा ने टाटा समूह को विस्तार दिया. 1904 में जब जमशेदजी टाटा का निधन हो गया, तब वह टाटा समूह के अध्यक्ष बने. दोराबजी ने 1896 में मेहरबाई भाभा से शादी की, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं हुई. वहीं रतनजी टाटा की शादी 1892 में अर्देशिर मेरवानजी सेठ की बेटी नवाजबाई सेठ से हुई थी. रतनजी टाटा 1928 से 1932 तक टाटा समूह के अध्यक्ष भी रहे.

तब रतनजी टाटा ने लिया गोदइस तरह जमशेदजी टाटा के बड़े बेटे दोराबजी टाटा और छोटे बेटे रतनजी टाटा दोनों को कोई संतान नहीं हुई, जिसके बाद रतनजी टाटा ने एक बच्चे को गोद लिया जिसे नवल टाटा का नाम दिया गया. जिस रतन टाटा का निधन हुआ है, वह रतन टाटा इसी नवल टाटा के बेटे थे. इस कहानी की एक और दिलचस्प बात यह है कि रतनजी टाटा ने एक और शादी की. उन्होंने फ्रेंच महिला सुजैन ब्रियर से दूसरा विवाह किया. इस विवाह से उनके एक पुत्र हुए जिनका नाम जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा था, जिन्हें जेआरडी टाटा (JRD TATA) के नाम से जाना गया. जेआरडी टाटा का जन्म 1904 में हुआ और उनका निधन 1993 में हुआ.

और ऐसे हुआ एक और रतन टाटा का जन्मरतनजी टाटा और लेडी नवाजबाई के गोद लिए हुए पुत्र नवल टाटा की शादी सूनी टाटा से हुई थी. इन दोनों को दो पुत्र हुए, जिनमें से एक का नाम रतन टाटा और दूसरे का नाम जिमी रखा गया. रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा था. उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ, और जब वह दस साल के थे, तभी उनके माता-पिता के बीच तलाक हो गया था. जिसके बाद नवल टाटा ने सिमोन दुनोयर से शादी की. दोनों को एक पुत्र हुआ, जिसका नाम नोएल टाटा रखा गया. रतन टाटा और उनके भाई जिमी टाटा दोनों ने शादी नहीं की. जिमी मुंबई में रहते हैं और टाटा समूह में उनकी भी हिस्सेदारी है, लेकिन वह बहुत ही सामान्य जीवन जीते हैं. अब रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया और पूरे समूह की कमान उन्हीं के हाथों में है.

टाटा खानदान की बहू ने कहां से की है पढ़ाई? नहीं सुना होगा इसका नाम

नोएल टाटा के परिवार में नए जमशेदजी कौन?नोएल टाटा की शादी अरबपति पल्लोनजी मिस्त्री की बेटी अलू मिस्त्री से हुई है. दोनों को तीन बच्चे हैं. बेटे का नाम नोविल टाटा है, वहीं लड़कियों के नाम लिआ टाटा और माया टाटा हैं. नोएल टाटा के बेटे नोविल टाटा की शादी किर्लोस्कर बिजनेस घराने की बेटी मानसी किर्लोस्कर से हुई है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नोविल टाटा और मानसी किर्लोस्कर के दो बच्चे हैं, इनमें से एक का नाम जमशेद टाटा रखा गया है, वहीं दूसरे का नाम तियाना टाटा है. इस तरह टाटा खानदान में एक और व्यक्ति का नाम जमशेद टाटा है. ऐसे में जब आप टाटा परिवार के नामों की लिस्‍ट देखेंगे तो आपको समझ आएगा कि इस परिवार में कई नाम या तो एक ही है या फ‍िर आपस में काफी मिलते जुलते हैं.

अमेरिका-ब्रिटेन से पढ़े रतन और नोएल टाटा, बच्चों ने कहां से की है पढ़ाई?

Tags: Education, Education news, Ratan tata, Tata Motors, Tata steel, Tata Tiago, Tata Tigor

FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 15:56 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj