Rajasthan

इस मंदिर में होती है भगवान शिव के अंगूठे की पूजा, दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग

 धीरज सांखला/ सिरोही. भारत देश में यूं तो भगवान शिव के हजारों मंदिर मौजूद हैं. लेकिन इन्हीं में से एक शिव मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान शिव के पैर के अंगूठे की पूजा होती है. जी हां राजस्थान के माउंट आबू में स्थित अचलेश्वर महादेव दुनिया का ऐसा इकलौत मंदिर है जहां पर शिवजी के पैर के अंगूठे की पूजा होती है. बताया जाता है कि अचलगढ़ में ई. सन 813 में अचलेश्वर महादेव का मंदिर निर्मित किया गया.

अचलेश्वर महादेव मंदिर माउंट आबू से लगभग 11 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में अचलगढ़ की पहाड़ियों पर अचलगढ़ के किले के पास स्थित है. इस मंदिर में प्रवेश करते ही पंच धातु की बनी नंदी की एक विशाल प्रतिमा है, जिसका वजन चार टन हैं. यह देवाधिदेव शिव का दाहिना अंगूठा माना जाता है. पारम्परिक मान्यता है की इसी अंगूठे ने पूरे माउंट आबू के पहाड़ को थाम रखा है, जिस दिन अंगूठे का निशान गायब हो जाएगा, माउंट आबू का पहाड़ ख़त्म हो जाएगा. स्थानीय लोगों की मानें तो यहां शिव के अंगूठे की वजह से ही यहां के पहाड़ टिके हुए हैं. इसी अंगूठे के नीचे एक शिवलिंग भी स्थित है. अंगूठे के नीचे स्थित शिवलिंग दिन में 3 बार अलग-अलग रंगों में दिखाई देता है. सुबह ये शिवलिंग लाल दिखाई देता है. दोपहर में केसरिया और रात में काला दिखता है.

यह है मंदिर से जुड़ी मान्यता
यहां के लोग कहते हैं कि पुराने समय में जब ये पर्वत पर स्थित नंदीवर्धन डगमगाने लगा था उस समय शिव जी ने अपने अंगूठे से इस पर्वत को और नंदी को बचाया था. शिव जी के अंगूठे का निशान यहां मंदिर में आज भी नजर आते है. माउंट आबू में भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं, जिनमें अचलेश्वर महादेव मंदिर की खूब मान्यता है. कहा जाता है कि भोलेनाथ के अंगूठे के नीचे एक गड्ढा है जो कभी नहीं भरता है. यहां शिवलिंग के ऊपर चढ़ने वाला जल भी नजर नहीं आता है.

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FIRST PUBLISHED : September 20, 2023, 10:08 IST

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