दलित जातियों में ‘बंटवारा’ करने वाला पहला राज्य बना तेलंगाना, लेकिन क्या बदलेगा?

Last Updated:April 15, 2025, 05:01 IST
SC Reservation: तेलंगाना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सहारा लेकर अनुसूचित जातियों का डी-क्लासिफिकेशन किया है, जिससे हाशिए पर रहने वाले समूहों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. इससे सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा. …और पढ़ें
तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने एससी जातियों के डीक्लासिफिकेशन को मंजूरी दी.
हाइलाइट्स
तेलंगाना ने SC का डी-क्लासिफिकेशन किया.हाशिए पर रहने वाले समूहों को आरक्षण का लाभ मिलेगा.सरकार ने SC समुदाय को A, B, और C समूहों में बांटा.
पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में उप-वर्गीकरण या सब-क्लासिफिकेशन किया जा सकता है. अब उसी का सहारा लेकर तेलंगाना ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एससी यानी अनुसूचित जातियों का डी-क्लासिफिकेशन कर दिया है. सरकार का दावा है कि इस कदम से एससी समुदाय के सबसे हाशिए पर रहने वाले लोगों को अलग से आरक्षण दिया जा सकेगा. इससे उन्हें नौकरी और शिक्षा में मौका मिल सकेगा. लेकिन इसका असर क्या होगा?
तेलंगाना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए SC समुदाय को A, B, और C समूहों में बांट दिया है. इनमें अब तक आरक्षण से वंचित रहे लोगों को शामिल किया गया है. सरकार का दावा है कि उसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले, पुराने डेटा और अनुसूचित जाति की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, रोजगार, और राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण करने के बाद यह फैसला लिया है. सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आरक्षण का नियम लागू करते समय सबसे वंचित समूहों को ज्यादा लाभ मिले.
इससे क्या होगा?सरकार का दावा है कि एससी समुदाय के भीतर जो समूह अब तक आरक्षण के लाभ से वंचित थे, जैसे मडिगा और अन्य छोटे समूह, उन्हें अब बेहतर अवसर मिल पाएंगे. इससे समुदाय के भीतर असमानता कम होगी और सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा.
इस अधिनियम के तहत, सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में भर्ती अब एससी के डीक्लासिफिकेश के आधार पर होगी. उदाहरण के लिए, अगर पहले 15% एससी कोटा था, तो अब यह कोटा A, B, C समूहों में बांटा जाएगा, जिसमें सबसे हाशिए पर रहने वाले समूहों को प्राथमिकता मिलेगी.
लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं1. सुप्रीम कोर्ट की 50% आरक्षण सीमा को लेकर सवाल उठ सकता है कि क्या यह वर्गीकरण की उस सीमा को पार कर जाएगा. अगर ऐसा हुआ, तो सुप्रीम कोर्ट में कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ेगा.2. समुदायों के बीच असंतोष बढ़ सकता है. एससी समुदाय के कुछ समूह, जो पहले आरक्षण का ज्यादा लाभ ले रहे थे, वे इस नए वर्गीकरण से असंतुष्ट हो सकते हैं, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है. वे कोर्ट भी जा सकते हैं.
राजनीतिक असर क्या होगा?तेलंगाना में कांग्रेस सरकार का यह राहुल गांधी की उस पहल के हिसाब से है, जिसमें कहा जाता है कि जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. यह फैसला बिहार, कर्नाटक, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी कांग्रेस को बढ़त दिला सकता है, जहां जाति जनगणना और आरक्षण का मुद्दा गरम है. दूसरा, तेलंगाना सरकार ने घोषणा की है कि 2026 की जनगणना के बाद एससी के लिए आरक्षण को और बढ़ाया जाएगा. यह डेटा भविष्य में सरकार की नीतियां तय करने में मदद करेगा.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
April 15, 2025, 05:01 IST
homenation
दलित जातियों में ‘बंटवारा’ करने वाला पहला राज्य बना तेलंगाना, क्या बदलेगा?