Rajasthan

Terror Attack Threat In India – आतंक के साए में देश, राजस्थान में दखल से सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़़े हुए… राजस्थान से इस तरह पुराना नाता

अब फिर से उन तमाम संदिग्धों को सर्च करने की तैयारी शुरु कर दी गई है जो प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में पहचान छुपाकर रह रहे हैं। आईबी की स्पेशल सेल ने काम शुरु कर दिया है।

जयपुर
देश एक बार फिर से आतंक के साये में है। देश भर में धमाके की योजना बना रहे छह आतंकियों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी और राजस्थान से गिरफ्तार किया है। इनके पास से हथियार और धमाके में काम आने वाले तमाम उपकरण और गोला बारुद भी बरामद होने की बात कही जा रही है। फिलहाल इनके अन्य साथियों के बारे में दिल्ली पुलिस अपनी तरह से पूछताछ कर रही है। लेकिन राजस्थान में आतंकी संदिग्ध के मिलने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों की कान खड़े हो गए हैं। अब फिर से उन तमाम संदिग्धों को सर्च करने की तैयारी शुरु कर दी गई है जो प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में पहचान छुपाकर रह रहे हैं। आईबी की स्पेशल सेल ने काम शुरु कर दिया है।

आतंक से राजस्थान का पुराना नाता, कभी इंजिनियर तो कभी मनी एक्सचेंजर के शक्ल में आतंकी
राजस्थान में आतंक का सालों पुराना नाता रहा है। कभी इंजीनियर तो कभी मनी एक्सजेंच करने वालों की शक्त में आतंक राजस्थान में पकडा गया है। जयपुर के मोती डूंगरी क्षेत्र से इंडियन आॅयल में काम करने वाले एक इंजिनियर को पकउा गया था। वहीं नागौर से मनी एक्सचेंज करने वाले आतंकी संदिग्ध का पकडा गया था। दोनो का ताल्लुक इंउियन मुजाहिदीन से था और दोनो का काम भडकाउ साहित्य फैलाना और गुप्त रुप से भर्ती करने का था। जयपुर और नागौर के अलावा जोधपुर, सीकर, टोंक, अजमेर, कोटा से भी पिछले सात से आठ साल के दौरान कई आतंकी संदिग्ध पकडे गए हैं।

जयपुर बम धमाकों में आईएम की स्लीपर सेल ने किया था काम, 12 आतंकी पकडे थे
13 मई 2008 को जयपुर में हुई सिलसिलेवार आठ बम धमाकों में सैंकडो लोग मारे गए थे और गंभीर घायल हुए थे। इन धमाकों के बाद जब जांच एजेंसियों ने काम शुरु किया तो पता चला कि इंडियन मुजाहिदीन की स्लीपर सैल से जुड़े आतंकियों ने इस काम को अंजाम दिया है। उसके बाद से राजस्थान की स्पेशल टीमों ने सीकर से छह, जोधपुर से तीन, पाली और जयपुर से एक-एक एवं बिहार से एक आईएम के आतंकी को पकडा था। सभी कामकाजी युवा थे और स्लीपर सेल बनकर आतंक को पूरे देश में फैला रहे थे। बड़ी संख्या में भडकाउ साहित्य के साथ ही गोला बारुद एवं अन्य हथियार भी मिले थे।



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