बेंजामिन नेतन्याहू की वो एक कसम… फिर बदलती चली गई मिडिल ईस्ट की तस्वीर, 1 साल में इजरायल की 3 जीत
नई दिल्ली: हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर घातक हमला किया था. इस हमले के ठीक दो दिन बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक कसम खाई थी- ‘हम मिडिल ईस्ट का चेहरा बदलकर रख देंगे.’ नेतन्याहू के इस कसम में हमास का खात्मा, लेबनान में हिजबुल्लाह की कमर तोड़ने और सीरिया में गोलान हाइट्स को वापस लेने जैसे तीन बड़े फैसले शामिल थे. इसके लिए नेतन्याहू ने रणनीति तैयार की. अपनी कसम को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया. और आज आलम यह है कि उन्होंने मिडिल ईस्ट का चेहरा बदलकर रख दिया है. गाजा में हमास की कमर तोड़ी. लेबनान में हिजबुल्लाह को घुटनों पर लाया. अब सीरिया में गोलान हाइट्स पर वापस कब्जा कर इजरायल ने अपना दमखम दिखा दिया है. मिडिल ईस्ट में इन घटनाक्रमों ने नेतन्याहू के एक साल पुराने कसम की याद ताजा कर दी है.
हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल का एक्शन केवल सुरक्षा की लड़ाई भर ही नहीं है. बल्कि उसने ईरान के दबदबे को भी खत्म किया है. इतिहास गवाह है कि ईरान का दबदबा फारस की खाड़ी से लेकर इराक और सीरिया होते हुए लेबनान तक रहा है. इन सैन्य टकरावों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर नेतन्याहू इजराइल को इलाके की सबसे बड़ी ताकत के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं. आज इजरायल ने साबित कर दिया है कि वह अकेले चाहे तो कई मोर्चों पर युद्ध लड़कर अपने मकसद को पूरा कर सकता है. गाजा, लेबनान और सीरिया में काफी हद तक इजरायल अपने मंसूबों में कायमाब हो भी गया है.
गाजा में इजरायल का एक्शनहमास के हमले में इजरायल के करीब 1100 से अधिक लोग मारे गए थे. इस हमले के दो दिन बाद ही नेतन्याहू ने हमास के खात्मे की कसम खा ली थी और गाजा पर इजरायल का झंडा फहराने का प्रण लिया था. उस फसले के बारे में नेतन्याहू ने हाल ही में कहा कि मेरा और सुरक्षा कैबिनेट का पहला फैसला था कि सबसे पहले दक्षिण पर ध्यान केंद्रित किया जाए और उसके बाद उत्तर पर. इसका मतलब साउथ में गाजा में हमास की ताकत को खत्म करना और उत्तर में हिजबुल्लाह की कमर तोड़ना. नेतन्याहू ने कहा कि अब हम हमास की बची हुई सैन्य क्षमताओं और उसकी सभी शासन क्षमताओं को ध्वस्त करने और बंधकों को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं, और मैं इस बात पर जोर देता हूं कि हम आखिरी बंधक को भी वापस लाएंगे.
गाजा में हमास की टूटी कमर7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद से इजरायल ने गाजा में धुआं-धुआं कर दिया है. इजरायल ने गाजा में कत्लेआम मचा दिया. हमास के लड़ाकों की लाशें बिछा दीं. गाजा में हमास के ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. हमास को इतनी तगड़ी चोट दी कि उसे सीजफायर की गुहार लगानी पड़ी. आज हालत यह है कि गाजा में सीजफायर की बातचीत हो रही है. हमास कमजोर पड़ चुका है. इजरायल से अब वह लोहा लेने के काबिल नहीं रहा. इजरायल ने हमास के चीफ याह्या सिनवार समेत अन्य प्रमुखों को मार गिराया.
लेबनान में हिजबुल्लाह को झटकागाजा के बाद इजरायल ने एक और मोर्चे पर जंग लड़ा. वह था लेबनान में हिजबुल्लाह से जंग. लेबनान में इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच खूब खून-खराबा हुआ. इजरायल और हिजबुल्लाह ने दोतरफा हमले किए. दोनों ने एक-दूसरे पर खूब बम बरसाए. नेतन्याहू ने आखिरकार हिजबुल्लाह की कमर तोड़ ही डाली. इजरायल ने हसन नसरल्लाह को मार गिराया. हिजबुल्लाह के कई ठिकानों को तबाह कर दिया. हिजबुल्लाह की मिसाइलों और रॉकेटों के भंडार के एक बड़े हिस्से को नष्ट कर दिया. इस तरह लेबनान में भी इजरायल की बड़ी जीत हुई.
ईरान को भी दिया चोटलेबनान में हिजबुल्लाह की कमर तोड़कर इजरायल ने एक तीर से दो निशाने किए. एक तो उसने हिजबुल्लाह की कमर तोड़ी ही. साथ ही साथ ईरान को भी बड़ा झटका दिया. ईरान हिजबुल्लाह का सबसे बड़ा मददगार रहा है. चाहे पैसा हो या हथियार… हिजबुल्लाह ईरान के दम पर ही कूदता रहा है. ईरान ने हिजबुल्लाह को खूब हथियार दिए, बावजूद इसके इजरायल के सामने वह टिक नहीं सका. इसके अलावा, इजरायल ने हमास चीफ इस्माइल हानिया की ईरान में घुसकर भी हत्या करवा दी. साथ ही ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की भी रहस्यमयी तरीके से हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हत्या करवा दी थी. इस तरह से इजरायल ने मिडिल ईस्ट में अपने सभी दुश्मनों को बार-बारी से रास्ते से साफ कर दिया.
सीरिया से भी इजरायल का बदला पूराईरान का इराक, सीरिया और लेबनान तक में दबदबा रहा है. दक्षिण में ईरान ने हमास को ताकत दी तो साउथ में उसने हिजबुल्लाह और हुतियों को खड़ा किया. मगर इजरायल ने सबकी बैंड बजाकर पूरे मिडिल ईस्ट की तस्वीर ही बदल दी. बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि वह मिडिल ईस्ट की तस्वीर बदल देंगे और उन्होंने ऐसा किया भी. सीरिया में जो सियासी संकट पैदा हुए, उसमें भी इजरायल ने खेल कर दिया. बशर अल-असद की सरकार गिरने के बाद नेतन्याहू ने मौके का फायदा उठाया. उन्होंने इजरायल की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए इजरायली सेनाओं को गोलान हाइट्स की उन पोजीशन्स पर कब्जा करने का आदेश दिया, जो पहले सीरियाई सैनिकों के पास थीं. ऐसा करके नेतन्याहू इजरायल की सीमाओं के पास किसी भी दुश्मन को घुसने से रोकना चाहते थे. नेतन्याहू ने सीरिया के नए शासन को चेतावनी दी कि वह ईरान को वहां अपनी पैठ बनाने या हिजबुल्लाह को हथियार देने की इजाजत न दे. उन्होंने कहा कि इजरायल का सीरिया के अंदरूनी मामलों में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. लेकिन अगर उसकी सुरक्षा को कोई खतरा हुआ तो वो जरूरी कदम उठाएगा.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 10:59 IST