बॉलीवुड की वो वैंप, राज कपूर ने तबाह किया करियर, पति की बेवफाई से जीते जी मिली मौत, तड़प-तड़पकर हुआ दर्दनाक अंत

Last Updated:December 09, 2025, 09:03 IST
हिंदी सिनेमा में ऐसी कई हीरोइन रहीं जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया. आज गुजरे जमाने की एक खूबसूरत अदाकारा की एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत से रातोंरात स्टारडम का स्वाद चखा, लेकिन फिर एक ब्लॉकबस्टर फिल्म ने सबकुछ तबाह कर के रख दिया.

ये हसीना जिसकी आज बात कर रहे हैं 70 80 के दशक की मशहूर वैंप रही थी. इन्हें मेहबूब खान फिल्मों में लाए थे. महबूब खान ने उन्हें स्पॉट किया था और फिर अपनी फिल्म ‘आन’ में काम करने का मौका दिया. बस फिर क्या था एक दिन उनकी जिंदगी संघर्ष से सुपरस्टारडम तक पहुंच गई.

फ्लोरेंस इजेकियल के नाम से जन्मीं, बगदादी यहूदी परिवार से ताल्लुक रखने वाली नादिरा बचपन में मुंबई आईं और हिंदी सिनेमा की सबसे यादगार चेहरों में शुमार हो गईं. उन्होंने हीरोइन बनकर नहीं बल्कि वैंप बनकर दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाई.

गरीबी से शोहरत तक का उनका सफर बिल्कुल भी आम नहीं था. नादिरा ने 10 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था. उन्होंने करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर की थी. उनकी शुरुआत ‘मौज’ से हुई, लेकिन असली पहचान ‘आन’ से मिली.
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नादिरा अपनी एलिगेंस और एटीट्यूड के लिए जानी जाती थीं. उन्होंने निगेटिव किरदारों को लिखने, स्टाइल करने और निभाने का तरीका बदल दिया. वो हिंदी सिनेमा की सबसे मशहूर वैंप में से एक रही हैं.

‘श्री 420’ में उनका बोल्ड अंदाज, खासकर ‘मुड मुड के ना देख’ गाने में, आइकॉनिक बन गया. दर्शकों ने पहली बार किसी महिला को इतनी ताकत के साथ वैम्प का किरदार निभाते देखा था. लेकिन एक्ट्रेस का मानना था कि इस फिल्म ने ही उनका करियर तबाह कर दिया था.

जी हां, नादिरा राज कपूर और नरगिस की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘श्री 420’ को अपना करियर तबाह करने की वजह मानती थीं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘ ‘मैंने ‘श्री 420’ मजे के लिए की थी, लेकिन वही मेरी वाटरलू (मेरी बर्बादी का कारण)बन गई. मैंने ये रोल एक चैलेंज के तौर पर लिया था, अपनी वर्सेटिलिटी साबित करने के लिए, लेकिन इसने मेरा करियर बर्बाद कर दिया.’

नादिरा पहली भारतीय एक्ट्रेस बनीं, जिन्होंने रोल्स-रॉयस खरीदी. उनके लिए खासतौर पर इम्पोर्ट की गई ये कार बाद में ट्रेंड बन गई. उनका सफर वाकई प्रेरणादायक था, क्योंकि वे ऐसे परिवार से आई थीं, जहां दो वक्त की रोटी भी मुश्किल थी.

प्रोफेशनल जिंदगी में नादिरा ने बेशुमार सफलता देखी और अपार धन-संपत्ति कमाई, लेकिन उनकी निजी जिंदगी हमेशा उतार-चढ़ाव भरी रही. एक्ट्रेस को उनकी निजी जिंदगी में ताउम्र सच्चा प्यार नसीब नहीं हुआ. एक्ट्रेस ने अपनी जिंदगी में प्यार को दो बार मौका दिया, लेकिन दोनों बार उनके रिश्ते नाकाम रहे.

नादिरा को पहली शादी के कुछ हफ्तों के अंदर ही अपने पति की बेवफाई के बारे में पता चला. वो बुरी तरह टूट गई थीं. एक्ट्रेस ने पहले पति से कुछ हफ्तों के बाद ही तलाक ले लिया था. फिर जब दूसरी बार उन्होंने शादी को मौका दिया, तो इस बार उनका पति पैसों के लिए इस्तेमाल कर रहा था. सच का पता चलते एक्ट्रेस ने रिश्ता तोड़ लिया.

निजी जिंदगी में उथल-पुथल के बावजूद, नादिरा ने ‘जूली’ से लेकर ‘एक नजर’ तक कई दमदार परफॉर्मेंस दीं. उनकी जिंदगी के आखिरी साल अकेलेपन और दुख से भरे रहे. फिर भी उन्होंने आखिरी वक्त तक काम किया और उनकी आखिरी फिल्म ‘जोश’ थी.

हिंदी सिनेमा की इस पावरफुल वैंप का अंत काफी दर्दनाक था. उनके आखिरी दिनों में उनके साथ कोई नहीं था. वो जीवन के आखिरी पलों में कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं और लंबी बीमारी के बाद 2006 में 73 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.
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December 09, 2025, 09:03 IST
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