Draupadi Murmu reached Jaipur to meet MLAs, Congress leader says Evil | विधायकों से मिलने द्रोपदी मुर्मू पहुंचीं जयपुर, कांग्रेस नेता ने बताया एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार को ‘भारत के बहुत बुरे दर्शन का प्रतिनिधि’
मुर्मू को मिल रहा विपक्ष का भी साथ एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को जिस तरह से विपक्षी दलों का साथ मिल रहा है उससे कांग्रेस मेे विशेष रूप से बौखलाहट देखी जा रही है। बता दें ममता बनर्जी से लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना में भी इस बात को लेकर मंथन देखा जा रहा है कि एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार को समर्थन किया जाए। बसपा सुप्रीमो मायावती पहले ही द्रोपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान कर चुकी हैं।
भारत के बेहद बुरे फलसफे का प्रतीक हैं द्रोपदी एनडीए का राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार को मिलने वाले समर्थन से कांग्रेस में विशेष रूप से निराशा देखी जा रही है। इससे बौखलाए कांग्रेस नेता अजय कुमार ने तो एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू पर एक विवादित बयान जारी कर दिया है। एएनआई से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता अजॉय कुमार ने कहा है कि मुर्मू “भारत के बेहद बुरे फलसफे” का प्रतिनिधित्व करती हैं और उनके चेहरे को “आदिवासियों का प्रतीक” बनाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए। संभवत: कांग्रेस का इशारा एनडीए की उम्मीदवार के नाम ‘द्रोपदी’ को लेकर है, जो भारत के पौराणिक ग्रंथ महाभारत के एक पात्र को इंगित करता है। कांग्रेस की इस एक टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी की तीखी प्रतिक्रिया आई है।
एनडीए के राज में बदतर हुए आदिवासियों के हालात कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मुर्मू के खिलाफ मैदान में उतारा है। द्रौपदी मुर्मू के बारे में एएनआई से बात करते हुए, कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि एनडीए के राज में अनुसूचित जातियों की स्थिति “बदतर” हो गई है। अजॉय कुमान ने एएनआई से बात करते हुए कहा है कि यशवंत सिन्हा भी एक अच्छे उम्मीदवार हैं और मुर्मू भी एक सभ्य व्यक्ति हैं। लेकिन वह भारत के एक बहुत ही बुरे दर्शन का प्रतिनिधित्व करती हैं। हमें उन्हें ‘आदिवासी’ का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए। हमारे पास राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जैसे व्यक्ति के होते हुए, हाथरस में क्या हुआ, वो हमने देखा है। क्या उन्होंने एक शब्द भी कहा? अनुसूचित जातियों की हालत और खराब हो गई है।”
भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी मुर्मू बता दें, द्रोपदी मुर्मू, जिनका चुना जाना तय माना जा रहा है, वो चुने जाने पर भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी थीं (2015 से 2021 तक)। ओडिशा के पिछड़े जिले मयूरभंज के एक गांव में एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मी मुर्मू ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद अपनी पढ़ाई पूरी की और उनका जीवन संघर्षों से भरा दिखता है।
देश का आत्मा के लिए लड़ाई है राष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रपति चुनाव को “देश की आत्मा के लिए लड़ाई” बताते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले पार्टियों को विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोट देना चाहिए। कुमार ने कहा कि मोदी सरकार का काम ही रहा है कि प्रतीक खड़े कर भारत के लोगों को अंधरे में रख जाए। कुमार ने कहा कि यह चुनाव देश की आत्मा के लिए एक लड़ाई है और सभी समान विचारधारा वाले दलों को यशवंत सिन्हा को वोट देना ही चाहिए।
